मनिका (लातेहार) : मनरेगा दिवस पर मंगलवार को ग्राम स्वराज मजदूर संघ व नरेगा सहायता केंद्र की ओर से जागरूकता रैली तथा सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत में परसही में काम के दौरान जान गंवाने वाले मजदूरों के श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम स्वराज मजदूर के संघ के अध्यक्ष कमलेश उरांव ने की। सम्मेलन को संबोधित करत हुए झारखंड नरेगा वॉच के राज्य समन्वयक जेम्स हेरेंज ने कहा कि मनरेगा को कानून के बने 15 वर्ष हो गए मगर मनरेगा मजदूरों को झारखंड में कम मजदूरी दी जाती है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कम से कम 300 रुपये मजदूरी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को अधिकार के लिए संघर्ष करने की जरूरत है।
राष्ट्रीय दलित मानवाधिकार अभियान के राज्य संयोजक मिथिलेश कुमार ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का समय है। क्योंकि आज के दिन मजदूरों के संघर्ष के बदौलत मनरेगा कानून बना है। इसे लागू कराने के लिए संभी मजदूरों को संघर्ष करने कि जरूरत है। नेता भुखन सिंह ने कहा कि हम सभी ने 1992 से 2005 तक मजदूरों के हक के लिए लड़ाई किया और अंत में 2 फरवरी 2005 नरेगा कानून लागू किया गया।
कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि ऐसे मनरेगा मजदूर जो 31 दिसंबर तक 100 दिन का कार्य पूर्ण कर लेते हैं। उनको प्रोत्साहन स्वरुप अतिरिक्त 50 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाए और न्यूनतम मजदूरी कम से कम 300 रुपये प्रतिदिन किया जाए। मजदूरी भुगतान कानून के अनुसार अगर नरेगा मजदूरी मिलने में देरी होती है तो मजदूरों को 2500 रूपये का मुआवजा मिले। महिलाओं, वृद्ध व आदिम जनजातियों के लिए दैनिक आधार पर मजदूरी दर निर्धारित हो।
मनिका प्रखंड में कार्य के दौरान मृत मजदूरों के आश्रितों को 10 लाख रूपये का मुआवजा सरकार सुनिश्चित करे तथा घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था सरकार करे। प्रत्येक मनरेगा मजदूर को सम्पूर्ण सामाजिक सुरक्षा व पेंशन योजनाएं, ग्रुप बीमा, चिकित्सा भत्ता, मृत्यु अथवा विकलांग होने पर आश्रितों को अनुग्रह राशि एवं बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी सरकार सुनिश्चित करे। सम्मेलन के अंत में मुख्यमंत्री के नाम सात्र सूत्री मांग पत्र बीडीओ को सौंपा गया। इस मौके पर दिलीप रजक, अमरदयाल सिंह, श्यामा सिंह, भुखन सिंह, बालकी सिंह, नन्हकू सिंह, महादेव सिंह, दिनेश सिंह, सुमणी देवी, रीता देवी, सुमित्रा देवी, रजनी देवी, सुनिता देवी, कविता देवी, सोनती देवी, नगिना विवि सहित बड़ी संख्या में मजदूर मौजूद थे।
बबलू खान की रिपोर्ट