नई दिल्ली: मार्च में कोरोना महामारी पूरे देश में फैलना शुरू हो गई थी। जिस वजह से ज्यादातर प्राइवेट कंपनियों ने ऑफिस बंद कर कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे दी थी। कई कंपनियां स्थायी रूप से वर्क फ्रॉम होम की सुविधा को जारी रखना चाहती हैं, जिस वजह से मोदी सरकार ने भी गुरुवार को बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) और आईटी आधारित सेवाएं (ITeS) देने वाली कंपनियों के लिए आसान गाइडलाइन जारी कर दी। इससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा।
आईटी मंत्रालय के मुताबिक इन आसान नियमों का उद्देश्य आईटी सेक्टर को मजबूत करना है, ताकी भारत दुनिया के सबसे अच्छे आईटी हब के रूप में उभर कर सामने आए।
नए नियमों से कंपनियों में वर्क फ्रॉम होम और वर्क फ्रॉम एनिवेयर का चलन बढ़ेगा। इस गाइडलाइन के मुताबिक कंपनियों की ओर से समय-समय पर सरकार को रिपोर्टिंग और अन्य बाध्यताओं को खत्म कर दिया गया है। साथ ही अब सेवा प्रदाता को रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा ना तो डायग्राम को प्रकाशित करने की जरूरत है और ना ही एक स्थिर आईपी रखने की। वहीं घर पर काम कर रहे एजेंट को ही ओएसएपी केंद्र का रिमोट एजेंट कहा जाएगा और उसे कार्यालय में अन्य अधिकारियों से संपर्क बनाने की अनुमति होगी।
पीएम ने जताई खुशी
मंत्रालय के इस फैसले पर पीएम मोदी ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भारत का आईटी क्षेत्र हमारा गौरव है। इस क्षेत्र की प्रगति को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है। हम भारत में विकास और नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज का फैसला विशेष रूप से इस क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करेगा।
OSP कंपनी क्या है?
दरअसल एप्लीकेशन और आईटी सेक्टर से जुड़ी सेवाएं ओएसपी कंपनियां ही देती हैं। जिसे आईटी, कॉल सेंटर, बीपीओ और नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग भी कहा जाता है। अब तक इन कंपनियों को सरकार को समय-समय पर रिपोर्टिंग करनी रहती थी। साथ ही कई अन्य बाध्यताएं भी थीं, जिसको भारत सरकार ने हटा लिया है। संचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक नए नियम वर्क फ्रॉम होम को और ज्यादा अनुकूल बनाएंगे। साथ ही इस सेक्टर को बढ़ावा भी मिलेगा।