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गौतम गंभीर ने 150 रन ठोक दिलाई जीत लेकिन विराट को दे दिया अपना मैन ऑफ दी मैच अवॉर्ड, जानिए क्यों

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का कल जन्मदिन था ।भारत को 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जिताने में गंभीर का अहम योगदान रहा. गंभीर का मानना रहा है कि जो रन टीम को जिताने में काम आते हैं, वे ही जरूरी होते हैं. बाकी चाहे कितने भी रन बनाओ, वे पर्सनल माइलस्टोन ही बनते हैं. उन्होंने कई मौकों पर इस तरह के उदाहरण खुद भी पेश किए. आज जब गंभीर 39 साल के हो गए हैं तो उनके ऐसे किस्सों को याद करते हैं-

जब 11 रन बनाने वाले को दिया मैन ऑफ दी मैच

बात आईपीएल 2012 की. कोलकाता नाइटराइडर्स का चेन्नई सुपर किंग्स से मुकाबला हुआ. मैदान था एमए चिदंबरम स्टेडियम.

पहले खेलते हुए सीएसके की टीम पांच विकेट पर 139 रन बना सकी. केकेआर की टीम कप्तान गंभीर के अर्धशतक के बूते लक्ष्य के करीब पहुंच गई. गंभीर ने 52 गेंद में 63 रन की पारी खेली. लेकिन वे लक्ष्य से ठीक पहले आउट हो गई. फिर केकेआर को जीत तक पहुंचने में मुश्किल होने लगी. आखिरी 11 गेंद में केकेआर को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे. उसके हाथ में छह विकेट थे. लेकिन चेन्नई की पिच बेहद धीमी थी. जिस पर रन बनना मुश्किल हो रहा था.

इस मौके पर देबब्रत दास क्रीज पर आए. उन्होंने ड्वेन ब्रावो और आर अश्विन की गेंदों पर दो चौके लगाकर टीम की नैया पार लगाई. वे चार गेंद में 11 रन उड़ाकर नाबाद रहे.

मैच के बाद कमेंटेटेर्स ने गंभीर को मैन ऑफ दी मैच चुना. लेकिन गंभीर ने अवार्ड लेने से मना कर दिया. कहा कि यह सम्मान देबब्रत को मिलना चाहिए. उनके मैन ऑफ दी मैच वही हैं. फिर देबब्रत को ही यह सम्मान मिला.

आगे चलकर आईपीएल 2012 का खिताब कोलकाता नाइटराइडर्स ने ही जीता. पहली बार उसने यह खिताब जीता. बाद में आईपीएल 2014 भी केकेआर के ही नाम हुआ. दोनों बार गंभीर ही टीम के कप्तान थे. इसके बाद से अभी तक केकेआर फिर आईपीएल नहीं जीती है.

. और कोहली को दे दिया अपना पुरस्कार

इसी तरह का कारनामा गौतम गंभीर साल 2009 में भी कर चुके थे. उस समय भारत का श्रीलंका से मैच था. कोलकाता में हुए मुकाबले में टीम इंडिया को मैच जीतने के लिए 316 रन का लक्ष्य मिला. उपुल थरंगा ने 118 रन की शतकीय पारी खेली. भारत की ओपनिंग शुरुआत खराब रही. वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर दोनों 23 रन के कुल स्कोर पर आउट हो गए. फिर गंभीर और विराट कोहली ने मोर्चा संभाला.

दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 224 रन जोड़े और मैच भारत की झोली में डाल दिया. इस मैच में कोहली ने वनडे करियर का पहला शतक लगाया. वे 107 रन बनाकर आउट हुए. लेकिन गंभीर दूसरे छोर पर डटे रहे. उन्होंने नाबाद 150 रन की पारी खेली और टीम इंडिया को चैंपियन बनाया.

पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में मैन ऑफ दी मैच के लिए गंभीर के नाम का ऐलान हुआ. लेकिन उन्होंने कोहली को यह अवार्ड देने को कहा. फिर कोहली मैन ऑफ दी मैच बने.

नौ घंटे बैटिंग कर भारत को हार से बचाया

टेस्ट में गंभीर ने लगातार पांच टेस्ट में शतक लगाने का कमाल भी कर रखा है. साथ ही न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2009 में नौ घंटे बैटिंग करके भारत को हार से बचाया था. इस पारी में उन्होंने 436 गेंदों का सामना किया और 137 रन बनाए. भारत ने उस दौरे पर 1-0 से टेस्ट सीरीज जीती थी. गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट खेले और 4154 रन बनाए. इसी तरह 147 वनडे में 5238 रन और 37 टी20 मैचों में 932 रन बनाए.

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