जमशेदपुर11 अक्टूबर:झारखंड के श्रमिक संघ कोरोना काल के पूर्व से ही राज्य के उधोग – धंधों में आइ मंदी जिसके चलते मजदूरों को अपने काम से हाथ धोना पड़ा है पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए उधोगों को पटरी पर फिर से बढाने के लिए अपने स्तर से भी प्रयास किए जाने का एलान किया है. यह निर्णय आज टाटा नगर के इंटक कार्यालय (टीन प्लेट) मे आयोजित सभी केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों की संयुक्त बैठक मे लिया गया. बैठक की अध्यक्षता इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने की. बैठक मे बीएमएस के महासचिव विंदेशवर प्रसाद, एटक के महासचिव पी. के. गांगुली सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव समेत राज्य के वरिष्ठ ट्रेड यूनियन नेताओं ने शिरकत की.
बैठक मे केन्द्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को दो फेज में 4 कोड मे बदले जाने की कार्रवाई, सार्वजनिक क्षेत्र के उधमो का निजीकरण और केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई और इसके खिलाफ संयुक्त रूप से आंदोलन संगठित किए जाने का आह्वान किया गया.
;बैठक मे इस बात पर सहमति बनी कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2018; मे गैर कानूनी तरीके से झारखंड क्षेत्रांतर्गत 980 युनियनों की मान्यता रद्द किए जाने के खिलाफ जारी अभियान को और तेज किए जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पिछले 29 सितंबर को ट्रेड यूनियनों का एक संयुक्त शिष्टमंडल मिला था और उनसे इस मामले मे अविलंब हस्तक्षेप किए जाने की अपील की थी. मुख्यमंत्री ने ट्रेड यूनियनों को स्पष्ट आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को जल्द हल करेंगे और उन्होंने उसी समय अपने प्रधान सचिव को इस मुद्दे के निष्पादन के लिए ठोस कार्रवाई किए जाने का आदेश दिया था. लेकिन इस दिशा मे अब तक क्या कार्यवाही की गई इसकी सूचना ट्रेड यूनियनों को नहीं है. ट्रेड यूनियनों ने इस मामले पर सरकार से अविलम्ब कदम उठाने का आग्रह किया है.
झारखंड मे एक दशक के बाद सभी केंद्रीय ट्रेड युनियनें एक साथ एक मंच पर आयी हैं. यह मजदूर आंदोलन के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि जिस प्रकार मजदूर वर्ग पर शासक वर्ग का हमला बढा है उसका प्रतिरोध संयुक्त और एक जुट श्रमिक आंदोलन से ही किया जा सकता है. इसी क्रम मे आगामी 26 नवंबर को देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया गया है. बैठक के एक अलग सत्र मे आदित्यपुर – गम्हरिया औधोगिक क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की गई जिसमें एक प्रमुख बात उभर कर आयी कि जहां टाटा के आटोमोबाइल सेक्टर मे अनलाक – 5 मे उत्पादन बढ़ा है वहीं औधोगिक क्षेत्र के इंसिलरि उधोग की हालत मे कोई सुधार नहीं आने से इन उधोगों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है.ट्रेड युनियनों ने इस मुद्दे को राज्य सरकार के समक्ष उठाए जाने का निर्णय लिया गया.
राकेश्वर पांडेय – इंटक
रघुनाथ पांडेय इंटक
बिनोद कुमार राय इंटक
संजीव कुमार श्ीवास्तव इंटक
शैलेश पांडेय इंटक
मनोज कुमार सिंह इंटक
परबिंदर सिंह इंटक
के न ओझा इंटक
सतनाम सिंह इंटक
मुना खान इंटक
विन्देशवरी प्रसाद-बीएमएस
प्रकाश विप्लव – सीटू
पी. के. गांगुली – एटक
के के त्रिपाठी सीटू
विश्वजीत देब सीटू
विजय कांत लाल दास सीटू
अंबुज कुमार ठाकुर एटक
सपन कुमार घोषाल एटक
राज कुमार भगत बीएमएस
अभिमन्यु सिंह बीएमएस अमरेन्द्र कुमार सिंह बीएमएस