जमशेदपुर
कोलकता के तर्ज पर जमशेदपुर शहर मे दुर्गा पूजा मनाया जाता था. जहां 430 से अधिक जगहों पर भव्य रुप से दुर्गा पूजा होती थी. जिसमें लाखों लाख रुपये कि मां की प्रतीमा बनवाई जाती थी. बावजूद इस बार कोरोना के नियमों के तहत मूर्तिकार बेहाल हो गए है. इस बार चार से पांच फीट की छोटी प्रतीमा बना कर कैसे अपने घर का साल भर आजीविका करेगें ।
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जमशेदपुर मे कोरोना महामारी के इस दौर में आम ओ खास बेहाल है. जिंदगी बस सरकार और सरकारी तंत्र के भरोसे चल रही है. सरकार और सरकारी तंत्र के दिशा निर्देश जारी कर रहे है. लोग उसके ही सहारे अपनी जीवन नैया पार लगाने की जुगत में है. देश में कोरोना का दूसरा वेव शुरु हो चूका है. वहीं जन जीवन को पटरी पर लाने को लेकर धीरे धीरे सभी गतिविधियों को सामान्य करने में जुट गई है. जहां हिन्दुओं का सबसे बड़ा पर्व दुर्गा पूजा शुरु होने वाला है. सरकार की गाइडलाइन के तहत ही इस साल पूजा आयोजित होनी है. दुर्गा पूजा के भरोसे साल भर आस लगाए बैठे मूर्तिकारों की दशा काफी बेहाल हो चूकी है. हर साल मूर्तिकार एक से बढ़कर एक मूर्तिया बनाकर साल भर की जीविका का संसाधन जुटाते थे. इस साल पाबंदियों के बीच साढ़े चार से पांच फीट की मूर्तिया है बनानी है. एक तरफ मान्यता ये है कि छ फीट से कम की मूर्ति का पूजा नहीं होना है. दूसरी तरफ सरकारी गाइडलाइन के बीच मूर्तिकार असमंजस की स्थिति मैं है. वैसे मूर्तिकार छोटी मूर्तिया बना कर महंगाई के इस दौर में किसी तरह काम चला रहे है. लेकिन वह नाकाफी है. मूर्तिकारों का कहना है. कि कोरोना को देखते हुए जो सरकारी दिशा निर्देश उन्हें दिया गया है. उसका वो पालन कर रह ेहै. लेकिन सरकार को भी मूर्तिकारों के लिए सोचना चाहिए. मूर्तिकारों के लिए भी अनुदान दिया जाए. जिसे इनका गुजारा साल भर चल सके