‘सबसे सस्ता सबसे अच्छा’ की टैग लाइन से घर घर पहचान बनाने वाली कंपनी बिग बाजार बिक गयी. मुकेश अंबानी ने इसे खरीदा. रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी ने इसे वर्ष 2001 में पूरे देश में बिग बाजार के स्टोर खोले थे. दरअसल वर्ष 2019 रिटेल किंग के लिए सबसे संकट वाला रहा.
2019 की समाप्त तिमाही में फ्यूचर रिटेल के मुनाफे में 15 फीसदी कमी आयी वहीं रेवेन्यू में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. इसके बाद रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी. कंपनी पर लगातार कर्ज का बोझ बढ़ता गया इसके कारण रेटिंग एजेंसियों ने इसकी रेटिंग घटा दी. जिससे फ्यूचर रिटेल के शेयरों में करीब 75 फीसदी तक गिर गये.
रिलायंस ग्रूप की सब्सिडियरी कंपनी रिलांयस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने फ्यूचर ग्रूप के होलसेल, रिटेल, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस बिजनेस को खरीद लिया. रिपोर्ट के मुताबिक यह रिलांयस रिटेल और फ्यूचर ग्रूप के बीच यह डील 24,713 करोड़ रूपये में हुई. 31 मार्च 2019 तक फ्यूचर ग्रूप पर 10951 करोड़ रुपये का कर्ज था. जबकि 30 सिंतबर 2019 को यह बढ़कर 12778 करोड़ रुपये हो गया था.
इससे पहले रआरवीएल ने कहा कि इस अधिग्रहण योजना के तहत फ्यूचर समूह अपनी कुछ कंपनियों का विलय फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) में कर रहा है. कंपनी ने बताया कि इस योजना के तहत फ्यूचर समूह के खुदरा और थोक कारोबार को आरआरवीएल की पूर्णस्वमित्व वाली कंपनी रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (आरआरएफएलएल) को हस्तांतरित किया जाएगा. इसके अलावा लॉजिस्टिक्स और भंडारण कारोबार आरआरवीएल को हस्तांतरित किया जाएगा. इस सौदे के जरिए रिलायंस रिटेल का अधिग्रहण करेगी, जो बिग बाजार की मालिक है और किराना सामान से लेकर सौदर्य प्रसाधन और परिधान तक सभी तरह के उत्पादों की बिक्री करती है. इसके अलावा फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशंस का अधिग्रहण भी किया जाएगा. हालांकि, फ्यूचर समूह के वित्तीय एवं बीमा कारोबार इस सौदे का हिस्सा नहीं हैं.
दरअसल, साड़ियों के कारोबार से बिग बाजार के सफर तक पहुंचने वाले मारवाड़ी परिवार में जन्मे किशोर बियानी ने 1987 में पैंटालून की शुरुआत की थी. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने इस कारोबार को साल 2012 में आदित्य बिड़ला ग्रुप को बेच दिया. पैंटालून और बिग बाजार की शुरुआत बियानी ने कोलकाता से की थी. किशोर बियानी ने अपने बिजनेस की शुरुआत 1987 में की थी, उनकी पहली कंपनी मेंज वियर थी. बाद में इसका नाम उन्होंने पैंटालून कर दिया गया. फिर 1991 में इसका नाम पैंटालून फैशन लिमिटेड कर दिया गया.