जमशेदपुर।पूर्वी सिंहभूम – जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देश पर शनिवार को बोड़ाम प्रखंड के लायलम पंचायत में विकास योजनाओं और सरकारी सेवाओं की वस्तुस्थिति का जायजा लिया गया। उपायुक्त के साथ धालभूम की एसडीओ श्रीमती शताब्दी मजूमदार और बीडीओ किकू महतो भी मौजूद थे। इस निरीक्षण में स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा, जन वितरण प्रणाली, और पंचायत भवन की सेवाओं की समीक्षा की गई।
निरीक्षण के दौरान लायलम पंचायत का स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पाया गया, और किसी पारा मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति के कारण एमओआईसी बोड़ाम को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। उपायुक्त ने इस पर नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों को सेवाओं में सुधार के निर्देश दिए।
पंचायत स्तरीय निरीक्षण का उद्देश्य
उपायुक्त ने बताया कि सरकारी संस्थाओं के कामकाज और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का निरीक्षण इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। इसमें स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की उपलब्धता, विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार वितरण, जन वितरण प्रणाली से खाद्यान्न का वितरण और मनरेगा योजनाओं की प्रगति का आकलन शामिल है। निरीक्षण का उद्देश्य खामियों को दूर कर जनता को सुगम और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराना है।
अन्य प्रखंडों में निरीक्षण अभियान
जिले के 11 प्रखंडों में नामित नोडल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पंचायतों का निरीक्षण किया। धालभूम के एसडीओ ने लायलम पंचायत, उप निर्वाचान पदाधिकारी ने बेलाजुड़ी पंचायत, कार्यपालक दंडाधिकारी घाटशिला ने गोहला पंचायत, जिला कृषि पदाधिकारी ने जोडसा पंचायत, और अन्य अधिकारियों ने अपने संबंधित प्रखंडों की पंचायतों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में मिड-डे मील की गुणवत्ता, शिक्षक और बच्चों की उपस्थिति, आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाएं, और मनरेगा योजना के तहत सृजित मानव दिवसों की समीक्षा की गई। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के लाभ की स्थिति का आकलन किया गया।
उपायुक्त का संदेश
उपायुक्त ने कहा कि यह अभ्यास सरकार की सेवाओं और योजनाओं को पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाने का प्रयास है। निरीक्षण के दौरान मिली खामियों को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं मिलें और ग्रामीण विकास योजनाएं प्रभावी ढंग से संचालित हों।