चाईबासा:- झारखंड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) की पश्चिमी सिंहभूम जिला इकाई के कर्मचारी अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर पिछले तेरह दिनों से हड़ताल पर डटे हुए हैं। अपनी मांगों के प्रति सरकार के अनसुनी रवैये से निराश होकर, हड़ताली कर्मचारियों ने अब सरकार के हृदय परिवर्तन के लिए धार्मिक स्थलों का सहारा लिया है।
शुक्रवार को कर्मचारियों ने बड़ी बाजार स्थित लूथरेन चर्च में जाकर यीशु से प्रार्थना की कि राज्य सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे और आवश्यक कदम उठाए। इस प्रार्थना सभा का नेतृत्व विल्सन डांगा, दिलीप हेमब्रम, सबीना जोजो, मनोज कुंटिया, और बेंजामिन बोईपाई ने किया।
जिला संघ के अध्यक्ष ललितेश्वर महतो ने इस अवसर पर कहा, “हमारी मांगें पूरी होने के लिए हम विभिन्न धार्मिक स्थलों पर जाकर प्रार्थना करेंगे और अगस्त के पहले सप्ताह को हृदय परिवर्तन सप्ताह के रूप में मनाएंगे।”
**प्रमुख मांगें और मुद्दे**
कर्मचारी संघ के अनुसार, उनकी प्रमुख मांगें ग्रेड वेतन और पदनाम में परिवर्तन से संबंधित हैं। संघ के वरीय साथी मनीष विश्वकर्मा ने कहा, “हमारी सभी मांगें जायज हैं, लेकिन सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है। अन्य राज्यों में लिपिक संवर्ग को सम्मानजनक ग्रेड वेतन और पदनाम दिया गया है, इसलिए झारखंड में भी ऐसा होना चाहिए।”
संघ के वरीय उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा, “सरकार के अनसुनी रवैये के कारण हम लोग हड़ताल पर बैठे हैं, जिससे सभी सरकारी कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं, परंतु संज्ञान लेने वाला कोई नहीं है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो सरकार बेखबर है !
हड़ताल में शामिल महिला वरीय साथी कुंती पात्रो ने स्पष्ट किया कि “जब तक ग्रेड वेतन और पदनाम में संशोधन नहीं किया जाता, तब तक हम कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं हैं।”
अनुसेवी संवर्ग के जिला अध्यक्ष सुबोल कुमार शिट और जिला सचिव हीरालाल दास ने भी हड़ताल का नैतिक समर्थन करते हुए धरना स्थल पर उपस्थित होकर कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोग
धरना स्थल पर उपस्थित प्रमुख लोगों में मनोज कुमार कुंटिया, अभिमन्यु कुमार, शुक्रमणि सवैया, सुनील बड़ाइक, मयंक कुमार, जगबंधु नायक, देवाशीष डे, शिव महतो, जितेंद्र बोदरा, तपन साहू, कुमार अभिषेक, विनोद मालतो, संजय चौधरी, चंद्रमोहन गोप, बिक्रम बानरा, पवन तांती, आइसा रेयाज़, और मनीषा गोप शामिल थे।
कर्मचारियों ने एकता का नारा देते हुए “आवाज दो हम एक हैं” का उदघोष किया और अपनी मांगों के समर्थन में दृढ़ संकल्प के साथ लगे रहे।
हड़ताल के तेरहवें दिन भी कर्मचारियों का मनोबल ऊंचा है और वे अपनी मांगों के प्रति दृढ़ संकल्पित हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह कर्मचारियों की मांगों पर विचार करे और जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि कामकाज फिर से सुचारू रूप से चल सके और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।