प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व और केंद्रीय सरकार की उपलब्धियां ।
लेखक :- श्री रविन्द्र नाथ चौबे ( समाज वैज्ञानिक सह सामाजिक कार्यकर्ता तथा पूर्व लोहियावादी )
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व बहुसंख्य जनता के लिए साफ सुथरा, निष्ठावान, समर्पित कर्मयोगी एवं प्रेरणादायक राजनेता का है । किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व का निर्माण उसके गुणों का चुनौतियों से मुकाबला होने पर होता है। नरेंद्र मोदी ने अपना जीवन आर. एस. एस और भाजपा के एक पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया । जहां लक्ष्य राष्ट्र नवनिर्माण रहा।
आजादी के बाद आर. एस. एस और भाजपा का पूरा अस्तित्व दांव पर लग गया। क्योंकि नेहरू सरकार भारतीय राष्ट्र और भारतीय संस्कृति के उदात्त मूल्यों के कीमत पर नकली और बेइमानी पूर्ण पंथ निरपेक्षता को बढ़ावा देने क्रम में भारतीय राष्ट्र के भविष्य को ही दांव पर लगाया दिया जो आज बहुसंख्य जनता को समझ में आने लगा है। चाहे वह मामला कश्मीर का हो या चीन का या भारतीय राष्ट्र की एकता के लिए बुनियादी रूप में आवश्यक सबके लिए एक समान नागरिक संहिता का हो या भारत देश और संस्कृति को तहस नहस करने वाले विदेशी आक्रांताओं के द्वारा भारतीय अस्मिता के प्रतीकों को नष्ट किए गए प्रतीक चिन्हों को पुनर्जीवित करने का हो, भारतीय राष्ट्र का भविष्य दांव पर लगा दिया तथाकथित सेकुलर सरकारों ने।
आज कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान वाले संविधान की धारा 370 हटने के बाद मेरे जैसे लोहियावादी कार्यकर्ता को अब यह एहसास होता है कि सत्तर पचहत्तर साल पहले कितना महान साहसिक कार्य था उस समय यह कहना कि भारत के संविधान से धारा 370 हटना चाहिए और कश्मीर का अलग संविधान भी हटना चाहिए और इसके लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पैंथर पार्टी के नेताओं ने आंदोलन कर गिरफ्तारी भी दी थी।
कितना सत्य और साहसिक कार्य और आंदोलन था यह कहना कि भारतीयता के प्रतीक मार्यादा पुरूषोत्तम राम के जन्मस्थल पर बनी राममंदिर को ध्वस्त कर विदेशी आक्रांता बाबर के कहने पर उसके सेनापति ने बाबरी मस्जिद बना दी थी। जिसको सोमनाथ मंदिर पुनरूद्धार के साथ ही भारत सरकार आजादी के तुरंत बाद करना चाहिए था।
आजादी के बाद आर. एस. एस और भाजपा को देश की जनता खुशहाल और विकसित करने के आंदोलन से बड़ा आंदोलन भारतीय संस्कृति के पुनर्प्रतिष्ठित करने में समर्पित होकर लगना पड़ा। इसी संदर्भ में भाजपा नेताओं के समक्ष बड़ी चुनौती थी कांग्रेस तथा वामपंथी पार्टियों के संगठित जाल को ध्वस्त करने की और एक स्वच्छ छवि वाली पार्टी यानी Party with difference के रूप में स्थापित करने के की।
संयोग वश स्व अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी के रूप ऐसा विश्वसनीय नेता मिला जिसने न सिर्फ एक मजबूत आधारशिला रखी बल्कि स्थापित भी कर दिया।
इसी दौर में नरेंद्र मोदी का प्रादुर्भाव होता है जिन्हें आर. एस. एस की मजबूत देशभक्ति एवं राष्ट्र के लिए समर्पित चरित्र की थाती एवं अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी की बहुत श्रेष्ठ और मजबूत छत्रछाया प्राप्त हुई और नरेंद्र मोदी ने इन गुणों, चरित्र, और आदर्शों को आत्मसात कर लिया जो आज पूरे देश और विश्व का मार्गदर्शन कर रही है।
अब आते हैं नरेंद्र मोदी जी के व्यक्तित्व के आंतरिक पहलुओं पर । सबसे पहले नरेंद्र मोदी जी डॉ राममनोहर लोहिया के समान प्रखर राष्ट्रवादी हैं।
दूसरा नरेंद्र मोदी एक आध्यात्मिक साधक हैं। आध्यात्मिक साधना की दो विशेषताएं हैं। एक तो मनुष्य के शरीर के भीतर छिपे दैवीय चेतना से साक्षात्कार कर व्यापक बनना और दूसरा क्षुद्र दुर्बलताओं का त्याग करना। इस प्रकार मार्यादा पुरूषोत्तम राम के तथा भारतीय मनीषा के अनुसार जीवन और राज चलाना। तीसरा आधुनिकता और तकनीकी से जुड़ कर तकनीकी रूप से योग्य बनना और बनाना। इस मामले भारत के सभी नेताओं से ज्यादा तकनीक जुड़ कर स्थापित कर रहे हैं। चौथा विश्व बाजार को समझना और उसके अनुरूप देश के औद्योगिक विकास की गति को तीव्र करना। पांचवां सहिष्णुता और धैर्य को प्रयोग के रूप में अपना कर कीर्तीमान स्थापित करना।
संविधान से धारा 370 हटाने के बाद एक समुदाय द्वारा तीख़ा विरोध और राष्ट्रीय स्तर पर विरोध करते हुए नरेंद्र मोदी के चरित्र पर तीखे हमले करने तथा तथाकथित सेकुलर बुद्धिजीवियों द्वारा पिछले पंद्रह सालों से सीमा लांघ कर नरेंद्र मोदी को फासिस्ट कहकर हमले करने वालों के प्रति इतनी सहनशीलता दिखाने के लिए निश्चित रूप से श्री नरेन्द्र मोदी जी को इसके लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
भारत के किसी नेता में इतनी सहनशीलता नहीं है।
अब आते हैं पिछले आठ सालों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व केन्द्रीय सरकार की उपलब्धियों पर।
सबसे पहले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सरकार संपूर्ण रुपेण भारत राष्ट्र का नव निर्माण कर रही है। इसके लिए सरकार और शासन से भ्रष्टाचार को खत्म करने का अभूतपूर्व उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। पिछले आठ सालों में किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।
दूसरी बात है आर एस एस और भाजपा के अलावा जो राष्ट्र वादी नेता हैं उन सबके सपनों को पूरा करने का कार्य नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। जैसे गांधी जी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, डॉ राममनोहर लोहिया और डॉ अम्बेडकर के सपनों को पूरा करने में पूरे मनोयोग से जुटे हैं प्रधानमंत्री। जैसे गांधी जी के खादी, कुटीर उद्योग और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्य केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है।
उसी तरह डॉ लोहिया की एक बहुत बड़ी पीड़ा थी भारत के अधिकांश महिलाओं को चुल्हा फूंकते फूंकते आंखें खराब हो जाती है। इसके मुक्ति के लिए उज्ज्वला योजना चला कर प्रधानमंत्री ने बहुत राहत दिलाई है।
इसी प्रकार भारतीय महिलाओं के लिए शौच के असहनीय कष्ट जिनसे उनका इज्जत और स्वास्थ्य दोनो खराब होता था,को घर घर में शौचालय बनवा कर भारतीय महिलाओं को बहुत ही राहत और सम्मान दिया है प्रधानमंत्री जी ने।
इसी प्रकार भारतीय राष्ट्र के पराक्रम, कर्म और बलिदान के प्रतीक प्रखरतम राष्ट्रवादी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को उतना ही उच्च स्तर पर स्थापित कर प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्र को भविष्य के लिए मजबूत बना रहे हैं।
उसी प्रकार आर्थिक विकास को लें। आर्थिक विकास के जो भी पैमाने हैं उन सबमें देश अच्छा कर रहा है।
औद्योगिक विकास अपने उच्च स्तर पर। विदेशी मुद्रा भंडार सबसे उच्च स्तर पर हो। दुनिया के अधिकांश बड़े देशों की तुलना में भारत का विकास दर बहुत उच्चा है। सड़क,रेल, हवाई जहाज,वाटर वे आदि सभी बुनियादी ढांचे में भारत में अभूतपूर्व विकास हासिल की है।मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया, आयुष्मान भारत,लोकल फार वोकल, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, किसान सम्मान निधि, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और अन्य कई राष्ट्रीय नवनिर्माण के कार्यक्रम देश के स्तर पर चलाया जा रहा है। एक देश एक राशन कार्ड, एक देश एक पावर ग्रिड, आदि आदि।
पचीस सालों का विकास आठ सालों में मोदी सरकार ने कर के दिखाया है। पिछले पचास सालों के विकास के बाद मोदी सरकार का आठ सालों का अभूतपूर्व कार्य से भारत में एक नवजागरण आया है। एक शक्तिशाली देश बनकर विश्व में उभरा है भारत।
इसलिए मोदी जी ईमानदारी से यह कहना सही है कि एक सौ तीस करोड़ के जागृति की ताकत का नतीजा है कि पूरे विश्व में भारत की जय हो रही है,
इस प्रकार नरेंद्र मोदी आधुनिक और भारतीय संस्कृति आधारित भारतीय राष्ट्र के निर्माता हैं। और हजारों साल बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है।