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मामूली बारिश में ही टूट रहा है 20 लाख का नवनिर्मित तालाब

*मामूली बारिश में ही टूट रहा है 20 लाख का नवनिर्मित तालाब*

चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

चंदवा। चंदवा जमीन मालिकों ने सुनाई आपबीती, उपायुक्त से पैसे दिलाने एवं ठीक ढंग से तालाब निर्मित करवाने की फरियाद।ग्रामीणों की शिकायत पर चंदवा प्रखंड के मालहन पंचायत में डीएमएफटी फंड से ली गई योजनाओं में हुई अनियमितता, लूट एवं बंदरबांट की अगली कड़ी में हम मालहन पंचायत के सुदूरवर्ती केकराही गांव पहुंचे। यहां डीएमएफटी फंड से ली गई तालाब की योजनाओं में एक और तालाब जिसका योजना संख्या 165/21-22 ‘ शिवलौंगर में तालाब निर्माण ‘ जिसकी प्राक्कलित राशि 19 लाख 61 हजार 7 सौ रुपए है।

उक्त तालाब का मुआयना करने पर पाया कि तालाब का निर्माण इतना घटिया स्तर का हुआ है कि इतनी कम बारिश में भी तलाब का एक मेंढ बुरी तरह से टूट गया है। इस बाबत योजना स्थल के जमीन मालिक रूपलाल गंझू एवं जय मंगल गंझू से पूछने पर यह बात पता चली कि उनसे कहा गया था की अपने जमीन का कागज – पत्र तैयार करवाइए योजना का निर्माण लाभुक समिति बनवाकर किया जाएगा और आप लोग लाभुक समिति के अध्यक्ष/सचिव बनाए जाएंगे। इस बात पर जमीन मालिकों ने सोचा कि हमारा तालाब भी बन जाएगा जिससे गांव की सिंचाई होगी और हम लाभान्वित भी हो जाएंगे यह सोचकर उन्होंने अपने खर्च से योजना का अभिलेख तैयार करवाया और जिले को भिजवा दिया।

इसके बाद पता चला कि काम डिपार्टमेंटल हो गया है बिचौलिए द्वारा तालाब निर्माण का कार्य शुरू करवाया गया और कहा गया कि आप लोग इसकी देखरेख कीजिए योजना का ठीक ढंग से निर्माण होगा और आप लोगों को मजदूरी भी दी जाएगी।

10 -12 दिन मशीन से तालाब निर्माण कार्य करवाने के बाद बिचौलिया गायब हो गया। जब हम लोगों ने बिचौलिए से तालाब पूर्ण करने की बात कही और मजदूरी के पैसे मांगे तो उसने कहा कि अभी कोई भुगतान नहीं हुआ है आपके पैसे एवं आगे का काम भुगतान होने के बाद होगा।

इसके बाद हम लोग इंतजार करते रहे परंतु आज तक पुनः काम नहीं लगा बार-बार यह कहा जाता रहा कि पैसे का भुगतान नहीं हुआ है इस बीच हमारा तालाब हल्की बारिश में ही टूटने लगा हम लोगों ने पुनः निर्माण करने को कहा फिर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। हम लोग थक- हार कर बैठ गए और सोचा कि जब पैसे निकलेंगे तो काम होगा। अब पता चल रहा है कि विगत 30 मार्च 2022 तक ही हमारे योजना का 9 लाख 80 हजार 8 सौ 50 रुपया निकल चुका है।

यह जानने के बाद हम लोगों को लग रहा है कि हम लोग योजना के अभिकर्ता एवं इंजीनियर तथा बिचौलियों द्वारा बुरी तरह से ठगे गए हैं अब हमारे तालाब का निर्माण नहीं हो पाएगा। हम लोग हर तरह से लूटे गए हमारी जमीन भी बर्बाद हुई योजना का भी पूर्ण रूप से निर्माण नहीं हुआ जिससे गांव को फायदा मिलता और मजदूरी तथा पैसे भी नहीं मिले।

ग्रामीणों एवं जमीन मालिकों ने एक स्वर से जिले के पदाधिकारियों से फरियाद करते हुए योजना का पूर्ण रूप से निर्माण करवाने, बकाया मजदूरी का भुगतान करवाने एवं सरकारी राशि की लूट तथा बंदरबांट करने वाले अभियंता पर कार्रवाई करने की मांग की है। इधर इतनी बड़ी घोटाले के बाद भी जिला प्रशासन चुप्पू साधे है। यह आश्चर्यजनक बात कही जा रही है।

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