रेलवे अंडरपास ब्रिज सड़क को लेकर ग्रामीणों का भुखहड़ताल
आरपीएफ सब इंस्पेक्टर और टीआई के के आग्रह पर भुखहड़ताल समाप्त
चंदवा संवाददाता मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
रास्ता बंद करने की कार्रवाई ग्रामीणों के साथ घोर अन्याय अत्याचार : दीपू कुमार सिन्हा
मांगे नहीं माने जाने पर 14 जुलाई को रेल चक्का जाम
चंदवा। टोरी जंक्शन – महुआमिलान रेलखंड के केकराही गांव के रेलवे पोल संख्या175/17-18 स्थित रेल परिसर पर रेलवे विभाग द्वारा पिलर लगा तथा बैरिकेडिंग कर जनता का रास्ता रोके जाने को लेकर रेलवे प्रशासन के खिलाफ माल्हन के केन्दुआटांड़ स्थित उक्त पोल संख्या रेल परिसर पर ग्रामीणों का भुखहड़ताल आरपीएफ प्रभारी मनीकांत प्रसाद व टीआई के आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया, भुखहड़ताल की अध्यक्षता मुखिया जतरु मुडा ने की संचालन माकपा नेता सह कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान कर रहे थे,
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य दीपू कुमार सिन्हा ने कहा कि टोरी जंक्शन अंतर्गत महुआमिलान रेलखंड के माल्हन पंचायत अंतर्गत केकराही गांव स्थित रेलवे पोल संख्या 175/17-18 के समीप गांव के आम रास्ते को बिना कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए या अंडरब्रिज का निर्माण किए बिना ही पीलरिंग एवं बैरिकेडिंग कर बंद कर दिया गया है जो ग्रामीणों के साथ अन्याय और अत्याचार है, उन्होंने कहा कि इस मांग को लेकर पूर्व में धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे जाने के बाद भी रेल विभाग उक्त रेल पोल संख्या पर अंडरपास अथवा ओवर ब्रिज बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है,
मुखिया जतरु मुंडा ने कहा कि रास्ता बंद किए जाने से माल्हन जमीरा समेत गांवों जिनमें केकराही, केंदुआटांड़, मरमर, देवनदिया, शकलेतेरी, पारटांड़, छठर, पुत्तरी टोला आदि दर्जनाधिक आदिवासी- हरिजन बहुल गांव के ग्रामीणों के आवागमन में काफी कठिनाई एवं परेशानी हो रही है,
माकपा नेता सह कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने कहा कि गांवों के आवागमन का एकमात्र इस रास्ते को बैरिकेडिंग कर रोक देना एकदम अमानवीय एवं उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने के समान है,
चंदवा पुर्वी के पूर्व मुखिया पुष्पा देवी ने कहा कि यह कार्रवाई गरीब ग्रामीणों के साथ घोर अन्याय अत्याचार एवं क्रूरता पूर्ण कार्यवाही है,
झारखंड कामगार यूनियन के अध्यक्ष प्रदीप गंझु ने कहा कि रेलवे विभाग की यह कार्रवाई गरीब आदिवासी विरोधी है, इससे यह पता चलता है कि विभाग की मानसिकता कैसी है, उन्होंने आगे बताया कि इसी तरह टोरी जंक्शन का ग्राम कामता के परसाही की रेलवे पोल संख्या 182/26 – 182/28 पर अंडरपास अथवा ओवर ब्रिज का बिना निर्माण किए ही बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया गया है, टोरी रेलवे क्रासिंग से परसाही होते हुए जमीरा गांव तक सड़क की मरम्मती नहीं किए जाने तथा कामता पंचायत के ग्राम भुसाढ के रेलवे ओवरब्रिज से रेल लाईन किनारे किनारे सड़क का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को गांव से शहर और हॉस्पिटल स्कूल आने जाने में भारी कठीनाई हो रही है,
पश्चिमी जिला परिषद उमीदवार सुनीता देवी ने कहा कि ग्रामीणों को आवागमन के लिए हो रही कठिनाइयों की जानकारी के बाद भी विभाग सोई हुई है,
इनके अलावा रामकिशुन गंझु, सीमंती टाना भगत, रुपलाल गंझु, भीम गंझु, संजय गंझु, संजय गोप, सुधीर टोपनो, अबुल अंसारी, पुरन महतो, रवि शंकर गंझु ने भी ने संबोधित किया,

आरपीएफ सब इंस्पेक्टर मनीकांत प्रसाद टीआई उमेश कुमार खलारी परिक्षेत्र ने भुखहड़ताल को समाप्त कराया, रेल मंत्रालय के पदनाम ज्ञापन ग्रामीणों ने उन्हें सौंपा, सौंपे गए ज्ञापन में केकराही गांव के रेलवे पोल संख्या175/17-18 स्थित पर अंडरपास अथवा ओवर ब्रिज का निर्माण कराने,
ग्राम कामता के परसाही की रेलवे पोल संख्या 182/26 – 182/28 पर अंडरपास अथवा ओवर ब्रिज का निर्माण करने,
टोरी रेलवे क्रासिंग से परसाही होते हुए जमीरा गांव तक सड़क की मरम्मत करने,
कामता पंचायत के ग्राम भुसाढ के रेलवे ओवरब्रिज से रेल लाईन किनारे किनारे सड़क का निर्माण करने की मांग की गई है,

मांगे नहीं माने जाने पर 14 जुलाई को रेल चक्का जाम की चेतावनी दी गई है ,
भुखहड़ताल में झामुमो केंद्रीय समिति सदस्य दीपू कुमार सिन्हा, माकपा के वरिष्ठ नेता सह कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान, मुखिया जतरु मुडा, पंचायत समिति सदस्य लाछो देवी, झारखंड कामगार यूनियन अध्यक्ष प्रदीप गंझु, चंदवा पूर्व मुखिया पुष्पा देवी, चंदवा पश्चिमी जिला परिषद प्रत्याशी सुनीता देवी, चकला पंचायत समिति सदस्य के पति नागेश्वर गंझु, देवंती देवी, सीमंती टाना भगत, रुपलाल गंझु, भीम गंझु, संजय गंझु, संजय गोप, सुधीर टोपनो, अबुल अंसारी, पुरन महतो, रवि शंकर गंझु, जयमंगल गंझु, रामबृछ गंझु, लक्ष्मन गंझु, करमा गंझु, कलेशर गंझु, मनोज मुंडा, विजय गंझु, सरवन गंझु, जनमधारी गंझु, विजय मुंडा, बोबी मुंडा, मुबारक अंसारी, रुपन पाहन, सुनील ठाकुर, निर्मल मुंडा, बबीता देवी, विनीता देवी, मनपूरन गंझु, अजीत मुंडा, दिलीप गंझु, सलखा गंझु, तेतर गंझु, बिलखी देवी, सीता देवी, मुनीयां देवी, एतवरिया देवी, मांती देवी, मंगरी देवी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।

