– पोटका प्रखंड अंतर्गत पोड़ा तेतला पंचायत के सुदूरवर्ती जंगल में बसी हुई गांव सोना गाड़ा मैं आज पर्यावरण चेतना केंद्र द्वारा जंगल के प्राकृतिक संसाधन बन खाद्य सामग्री एवं वन औषधि का पहचान समुदाय के बीच किया गया
सोना गड़ा जंगल में कहीं भाग है जहां अलग-अलग बन खाद्य सामग्री साग सब्जी कंद फल मूल मिलता है इसकी अलग अलग नाम है जैसे की बड़ादा में करोल अमला और कचू साग ज्यादातर पर मिलता है छोटो कोचा मैं विभिन्न प्रकार के साग सब्जी बन औषधि अधिक मात्रा में मिलता है वैसे ही फिटिंग टाड़ लोटो कोचा तिरील् घूटू चाकू डूंगरी जायरा डोंगुर आदि जो बन क्षेत्रों है इसकी अलग अलग विशेषता है जो गांव के लोगों ने जानकारी का साझा दीया यहां पर दो प्रकार की लोग थे जो जंगल के सामग्रियों का भरपूर उपयोग करते थे इसमें जो लोग थे जंगल का साग सब्जी केंद् फल का नाम तो जानते थे लेकिन पहचानते नहीं थे अगर पहचान लेता तो भी वह चीज कहां मिलेगा उसकी जानकारी नहीं था यही सब चीजों को लोगों का बीच पहचान कराना और मिलने वाले सामग्री का संरक्षण करने का जिम्मेवारी बने इस कार्यक्रम का यही उद्देश्य था इस कार्यक्रम में पर्यावरण चेतना केंद्र के निर्देशक सिद्धेश्वर सरदार अनिता कुमारी सोनाराम सरदार अजय सरदार साथ लखींद्रर सरदार अजीम सरदार अजीत सरदार राजाराम सरदार धीरेंद्र नाथ सरदार भगवान सरदार नमोती सरदार बिनलती सरदार प्रमिला सरदार आदि उपस्थित रहे