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यूपी के मुख्यमंत्री के नाम पर डीएम, आईजी, डीआईजी से करोड़ों रुपए ठगी करने युवक मुसाबनी से गिरफ्तार

घाटशिला:- उत्तर प्रदेश के अमेठी के रहने वाले अरविंद मिश्रा नामक व्यक्ति को उत्तर प्रदेश की एसटीएफ पुलिस ने स्थानीय पुलिस की सहयोग से मुसाबनी थाना क्षेत्र के दो नंबर इलाके से अरविंद मिश्रा नामक व्यक्ति को बेकरी के पास से गिरफ्तार कर यूपी अपने साथ ले गई।

जानकारी हो कि अरविंद मिश्र के खिलाफ प्रतापगढ़ थाना में कांड संख्या 908/20 में भादवि की धारा 419,420 एवं 66 आईटी के तहत करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यूपी से

एसटीएफ पुलिस की टीम एक दिन पहले ही मुसाबनी पहुंची थी। उसके मोबाइल टाॅवर के लोकेशन पर अरविंद मिश्र को ट्रेस कर गिरफ्तार किया गया।

कौन आया था गिरफ्तार करने 

अरविंद मिश्र को गिरफतार करने के लिए प्रतापगढ़ (लखनऊ) से एसटीएफ के इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यों की टीम मुसाबनी आई थी। अरविंद मिश्र के गिरफ्तारी के संबंध में पुछे जाने पर इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने बताया कि अरविंद ने यूपी के कई इलाके से मुख्यमंत्री के नाम से ठगी की है। जो पिछले चार वर्षों मुसाबनी क्षेत्र में रह रहा था जिसे बादिया गांव के किसी युवक से कंपनी का क्वार्टर खरीदा था। मुसाबनी में रहते हुए ही अरविंद ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी के करीबी बताकर बड़े -बड़े अफसरों में डीसी, आईजी, डीआईजी रैंक तक अधिकारियों को ठगा है।

राम मंदिर के नाम पर करोड़ों रुपए अकाउंट में मंगवाया

आरोपी अरविंद मिश्र ने राम मंदिर निर्माण के नाम पर सीएम हाउस के नाम का उपयोग कर कुछ दिन पूर्व डेढ़ लाख अपने अकाउंट में मंगवाया था। इस राशि में से लगभग एक लाख रुपए मंदिर निर्माण फंड में भेज कर शेष पैसे अपने पास ही रख लिया था उक्त बातें अपनी पत्नी एवं एसटीएफ पुलिस के समक्ष मुसाबनी थाना में स्वयं स्विकार किया ।

ये भी जाने 

अरविंद मिश्र ने अपनी जालसाजी का जाल पश्चिम बंगाल में बिछा रखा था । उसके पास से एक पश्चिम बंगाल से खरीदा हुआ सिम भी बरामद एसटीएफ ने किया है । यही नहीं मुसाबनी में उसने भाजपा के नेताओं से भी अपनी करीबी बना रखा था । जिसने अपने आप को रघुवर सरकार के समय उसने अपने आप को सीएम हाऊस में कार्यरत बताकर लोगों से नजदीकियां बढा़यी थी ।

क्या कहते मुसाबनी थाना प्रभारी

अरविंद मिश्र के संसू में मुसाबनी थाना प्रभारी संजीव झा ने बताया कि अपने आप को उसने सीएम हाउस का बात कह एक बार हमारे उपर भी रौब झाड़ा था, लेकिन थाना प्रभारी उसके झांसेे में नहीं आए थे।​​​​​​​

गिरफ्तारी के बाद पत्नी को पता चला वह दूसरी बीबी

अरविंद की पत्नी सीमा मिश्रा को अपने पति की गिरफ्तार होने के बाद पता चला कि वह उसकी दूसरी पत्नी है। एसटीएफ की टीम ने जब अरविंद का यूपी में बना आधार कार्ड दिखाया तो वह भौंचक रह गई। दरअसल सीमा मुसाबनी में शादी से पूर्व से ही रहती है।

जब वह ठगी करने में महारत हासिल करने वाला अरविंद जब झारखंड आया तो रांची में उसकी मुलाकात सीमा से हुई थी। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चलने के बाद अरविंद 5-6 साल पहले वह मुसाबनी आ गया। जहां पहले अपने पिता के साथ कभी सिमा रहतीं थीं। मुसाबनी पहुंचने पर सिमा ने अपने पुराने साथियों एवं परिचितों को खोज कर दोस्ती का दायरा बढ़ा़या। एसटीएफ पुलिस के अनुसार इन अफसरों में डीसी, आईजी, डीआईजी रैंक तक के अधिकारी हैं। सीएम योगी के करीबी बताकर उसने ठगी का यह जाल मुसाबनी से बिछाया। वह ठगी का कारोबार लगाता कर रहा था।

बंगाल जाकर वह हो जाता था मालामाल

अरविंद अक्सर बंगाल जाया करता था बंगाल से आने के बाद उसके पास काफी पैसे रहता था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अरविंद दरअसल बंगाल एटीएम से पैसे की निकासी करने के लिए जाता था। जिसे वह यूपी में ठगी कर अपने विभिन्न एकाउंट में पैसे मगंवाया करता था। प्रतापगढ़ से आए एसटीएफ के इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में आठ सदस्यों की टीम इस मामले में मुसाबनी आई थी।

घाटशिला कमलेश सिंह

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