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लोकतंत्र की पहचान है आन्दोलन 

गिरिडीह

आज दिनांक 10/02/21 दिन बुधवार स्थान प्रखण्ड मुख्यालय पीरटांड़ समय 12 बजे किसानो की समर्थन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, आज के दिन झारखंड प्रदेश के सभी प्रखण्ड मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस पार्टी कर रही है |

केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की हम माँग करते है, किसानो के द्वारा पिछले 75 दिनों से किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है परन्तु केंद्र सरकर गूंगी – बहरी बनी हुई है अन्नदाताओ की बात सुनी नही जा रही है जो स्वास्थ्य लोकतन्त्र के हित में नही अगर यह कानून लागू हो गई तो किसान,किसान ना रहकर बंधुआ मजदूर बन जायेंगे बंधुआ मजदूर प्रथा तथा महाजनी प्रथा पुनः हावी हो जाएगी जिसके पास पूँजी होगी वही अनाज करीद पाएगा और देश के किसी भी कोने मे खरीद कर भंडारण कर पाएगी ऐसा इस काले कानून मे प्रावधान किया गया है | अब यह समझने की बात है की कौन से पूंजीपति है जिसे केंद्र सरकार लाभ पहुचाने के लिए किसानो का अहित करने पर अमादा है |

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा की देश में कुछ लोग आंदोलनजीवी – परजीवी हो गए है एसा कह कर प्रधानमंत्री ने आंदोलनरत किसानो का मज़ाक उड़ाया है परिहास किया है हम प्रधानमंत्री के इस व्यान का कड़े शब्दो मे निंदा करते है | चूँकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए की- “लोकतंत्र की पहचान है आन्दोलन”

आज के इस बैठक की आध्यक्षता प्रखण्ड अध्यक्ष मो० अहिया ने किया बैठक में पर्यवेक्षक के रूप मे जिला असंगठित कामगार कांग्रेस के चेरमैन अशोक कुमार विश्वकर्म उपस्थित थे और प्रखण्ड कांग्रेस पदाधिकारी एवं गाँव- ग्राम से आए हुये किसान मुख्य रूप से उपस्थित थे – मनोज हेम्ब्रोम, रामदयाल हेम्ब्रोम, अजय टूड्डु, रितलाल सोरेन, पन्नालाल माराण्डी, सानु हँसदा, लोकेशवर माराण्डी, मानोतम मुर्मु, मो० एजाज, अकल दास, सुनील माराण्डी, सोमर हेम्ब्रोम |

गिरिडीह से डिम्पल की रिपोर्ट

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