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ओबीसी मोर्चा की बैठक में अपने अधिकार के लिए पिछड़ों को गोलबंद होने का आह्वान

ओबीसी को अपने अधिकार के लिए जागरूक करने लिए मोर्चा चलाएगा जनसंपर्क अभियान

पेसा कानून के प्रारूप का अध्ययन करने के लिए बृद्धिजीवीओं की कमिटी गठित करने का निर्णय

 

पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना प्रमंडल के केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल की अध्यक्षता में रविवार को शहर के बन्दरजोरी स्थित अस्थायी कार्यालय में मोर्चा की बैठक आहूत की गई। बैठक में केन्द्रीय प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी मोर्चा के विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया। विमर्श के दौरान वक्ताओं ने एकमत होकर ओबीसी हित रक्षा करनेवाले दल और प्रार्थिओ को चिह्नित करने पर बल दिया। अपने हक और अधिकार के लिए पिछड़ों को गोलबंद होने का आह्वान किया गया। उन्होंने बताया कि तत्कालीन बाबूलाल मरांडी की सरकार द्वारा पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत से घटाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया तथा दुमका सहित सात जिलों में ओबीसी आरक्षण शून्य कर दिया गया। हेमन्त सोरेन सरकार द्वारा पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने हेतु राज्यपाल के पास बिल भेजा गया था परन्तु राज्यपाल ने इस संशोधन बिल को अस्वीकृत कर दिया। शीघ्र ही झारखंड सरकार पेसा कानून लागू करने की तैयारी में है। पेसा कानून में ओबीसी आरक्षण प्रभावित होने की पूरी संभावना है। मोर्चा ने सर्वसम्मति से ओबीसी अधिकार की रक्षा के लिए जाति जनगणना कराकर आबादी के अनुरूप आरक्षण देने, पंचायत को ईकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्रों का निर्धारण कर पेशा के तहत आरक्षण देने सहित कई मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई गई। पेसा कानून लागू करने संबंधी प्रारूप का अध्ययन करने के लिए बृद्धिजीवियो की कमिटी गठित करने का निर्णय लिया गया। सबों ने एक स्वर में कहा जो ओबीसी की बात करेगा उसे ही ओबीसी का मत मिलेगा। बैठक में केंद्रीय प्रधान महासचिव डॉ अमरेन्द्र यादव, महासचिव रंजीत जयसवाल व दयामय माजि, बुद्धिजीवी मंच के शिवनारायण दर्वे, प्रोफेसर विनोद शर्मा, बिहारी यादव, घनश्याम लायक, आर के दर्वे, मदन गुप्ता, कंचन यादव, प्रमोद पंडित, रमेश साह, पंकज यादव, सुबोध यादव, माणिक पंडित, अनिल पंडित सहित कई मुख्य लोग शामिल थे।

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