*सरकार की उदासीनता से पोषण सखियों की बिगड़ी हालत , आर्थिक अभाव में नवजात का इलाज कराने में असमर्थ : सोनी*
*24 अक्टूबर को राजभवन के समक्ष धरना देने का निर्णय*
धनबाद
झरिया. हर रोज काम करने के बावजूद झारखंड प्रदेश आंगनवाडी कर्मचारी पोषण सखी को 7 माह से मानदेय भुगतान नहीं होने से आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. तोपचांची प्रखंड के पोषण सखी के नवजात का इलाज आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से पिछले छह दिनों से बाधित है.उक्त बाते संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोनी पासवान
ने कही।
उन्होंने कहा कि बकाया मानदेय भुगतान की मांग को लेकर आगामी 24 अक्टूबर को संघ के सदस्यों द्वारा राजभवन के सामने शांतिपूर्ण तरीके से धरना देने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि पोषण सखी बहनों को 7 माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण आज यह नौबत आन पड़ी है.
पोषण सखी आरती कुमारी तोपचांची प्रखंड की रहने वाली है. जिन्होने 23 सितंबर को अपने बच्चे को जन्म दी. दुख के साथ कहना है की उनका बच्चा स्वस्थ नहीं हुआ. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. बच्चा सात दिन से आईसीयू रूम में इलाजरत है.
हम सभी पोषण सखी बहने बहुत दुख में है. आर्थिक संकट के कारण घर चलाने, बच्चों के एवं खुद का ट्रीटमेंट कराने में असमर्थ हो रहे है. हमारे मुख्यमंत्री व विभागीय मंत्री सब जान कर भी अंजान बन रहे है.
सखियों का अब सब्र का बांध टुटते जा रहा है. हम सभी पोषण साखियों ने तय किया है कि एक अक्टूबर से पोस्ट कार्ड अभियान चलया जायेगा. जिसमे मुख्य मंत्री, बाल विकास विभाग मंत्री केन्द्र सरकार स्मृति ईरानी, शिक्षा मंत्री जोबा मांझी को पत्र पोस्ट किया जायेगा. 24 अक्टूबर को राजभवन के समक्ष गांधी नीति के तहत धरना प्रदर्शन करेंगी.