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मनरेगा के तहत पौधे का हाल : फाइलों में सिर्फ दिख रही हरियाली

मुसाबनी:-फाइलों में दिख रही हरियाली, पर सूखी है क्यारी। यह हाल मुसाबनी प्रखंड में मनरेगा के तहत किए गए पौधरोपण का है। पूरे प्रखंड में कई जगहों पर ऐसे ही हालात है। प्रखंड के फाॅरेस्ट ब्लाॅक पंचायत में 2 लाख 62 हजार 853 रुपए की लागत से पाथरगोड़ा कैंप चौक से हाथीबेहड़ा पुलिया तक सड़क किनारे 250 मीटर पौधरोपण कराया गया था। इसकी योजना संख्या डीपी /70-80-90-113383-2/20-21 है।

गत साल मानसून में जुलाई माह के दौरान बांस की घेराबंदी करकेे पौधे लगाए गए थे। कुल 100 पौधे की घेराबंदी कराई गई थी। इसका उद्देश्य कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को रोजगार सहित इलाके में हरियाली लाना था। मजदूरों को मजदूरी मिली या नहीं यह तो जांच का विषय है, पर हरियाली की बजाय 90 फीसदी क्यारियां सूखी दिख रही हैं।

हरियाली के नाम पर अब तक इस योजना में 93 हजार 578 रुपए की निकासी की जा चुकी है। इसमें 46 हजार 754 रुपए मजदूरी मद में जबकि 45 हजार 97 रुपए बांस की घेराबंदी के लिए खर्च किए गए हैं। इस योजना पर खर्च किए गए मानव दिवस पर गौर करें तो 234 मानव दिवस सृजित कर पैसे की निकासी की गई है।

नियमत: कुल राशि मजदूरी मद में 70 फीसदी तथा 30 फीसदी राशि सामग्री मद में खर्च करना है। कुल राशि की निकासी 3 साल में करना है। यहां 6 माह में ही करीब 40 फीसदी से ज्यादा रकम की निकासी कर ली गई है।

क्या कहते हैं प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक (बीपीओ मनरेगा) अमित कुमार 

मुसाबनी प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक (बीपीओ मनरेगा) अमित कुमार का कहना है कि पौधा सूखने की जानकारी उन्हें नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो वहां घेराबंदी को दुरुस्त करवाते हुए पौधे लगवाए जाएंगे। पौधे की नियमित सिंचाई कराई जाएगी।

घाटशिला कमलेश सिंह

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