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198 रुपए रोज कमाने वाले मजदूर के नाम पर फर्जी स्टील कंपनी बनाकर किया काराेबार, वाणिज्य कर विभाग ने मजदूर को 3.5 कराेड़ जीएसटी भुगतान का नाेटिस भेजा

मुसाबनी :-

वाणिज्य कर विभाग ने मुसाबनी थाना क्षेत्र के रायपहाड़ी गांव निवासी 198 रुपए रोज कमाने वाले मनरेगा मजदूर लादुम मुर्मू (48) काे 3.5 कराेड़ रुपए जीएसटी भुगतान का नाेटिस भेजा। नाेटिस अवधि गुजर जाने के बाद भी लादूम ने पैसे जमा नहीं किए ताे मुसाबनी लादूम मुर्मू के गांव पहुंच कर उसे हिरासत में लिया। लेकिन उसकी हालत देखकर और गांववालाें के विराेध के बाद उसे छाेड़ दिया। पता चला कि उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक का गलत इस्तेमाल कर मेसर्स एसएस स्टील के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर व्यवसाय किया गया।

क्या कहते हैं लादूम मुर्मू एवं ग्रामीण

लादूम मुर्मू के संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि जीएसटी अधिकारियाें ने भी बिना भाैतिक सत्यापन किए कंपनी काे जीएसटी नंबर (20एडब्ल्यूवीपीएम0673क्यूआईजेडवी) अलॉट कर दिया। इस कंपनी ने वर्ष 2018-19 के नवंबर-दिसंबर माह में त्रिनेत्र ट्रेडर्स, ओमकार ट्रेडर्स, त्रिनाथ इंटरप्राइजेज, आलम मेटल स्टोर, सिंधुजा स्टील और सुभद्रा को कुल 87 ई-वे बिल के जरिए 5,58,05,408 रुपए की स्टील बेची गई। लेकिन इस लेनदेन का जीएसटी भुगतान नहीं किया गया। इसके एवज ने विभाग ने उक्त कंपनी के मालिक को नोटिस भेजा। अब पुलिस असली आरोपी की तलाश में जुटी है।

हर महीने 2000 रुपए देने की बात कहकर भतीजे ने लिया था खाता

वही लादुम मुर्मू ने कहा-2018 में उसके भतीजे बैला मुर्मू ने कहा था कि सरकार उसके खाते में हर महीने 2000 रु. जमा करेगी। उसे सहकारिता बैंक का पासबुक, आधार कार्ड और पैन कार्ड जमा कराना हाेगा। उसने भतीजे काे कागजात दे दिए। बैला मुर्मू ने सारे कागजात अपने दामाद गालूडीह देवली गांव निवासी सुनाराम हेंब्रम काे साैंपा। सुनाराम ने वह जमशेदपुर के साेनारी निवासी सुशांत कु. सामंताे काे दिया। इसके बाद उसका क्या हुआ, पता नहीं।

उसके खाते में ताे अब तक पैसे नहीं आए, लेकिन पिछले साल सितंबर में वाणिज्य कर अधिकारी उसके पास पहुंचे और 3.5 कराेड़ रुपए जुर्माना भरने काे कहा। नहीं भरने पर वाणिज्य कर के सहायक आयुक्त कंचन बरवा की शिकायत पर जीएसटी अधिनियम की धारा 70 और आईपीसी की धारा के तहत मुसाबनी थाने में केस दर्ज हुआ। जमशेदपुर के जीएसटी काेर्ट में उसका बयान दर्ज हुआ। उससे कंपनी के बारे में 7 सवाल किए गए। उसने कंपनी बनाने और लेनदेन की बात से इनकार किया।

लादुम ने कहा…माफ कर दाे सरकार, नहीं ताे हमारा घर-द्वार बिक जाएगा

थाने में लादुम मुर्मू पुलिस के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहा था। कह रहा था-इतना पैसा हम कहां से देंगे। माफ करो सरकार। इससे तो हमारा घर-द्वार बिक जाएगा। हम मजदूरी करके पेट पालने वाले हैं। इतने बड़े कारोबार का सपना भी कभी नहीं देखा है। मैं निर्दोष हूं। मामले की जांच कराइए। लादुम की पत्नी का कुछ साल पहले निधन हो गया था। उसका एक बेटा है।

घाटशिला कमलेश सिंह

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