घाटशिला:- पटमदा
पूर्वी सिंहभूम जिले के किसान अब पारंपरिक खेती में कम लाभ देखकर नई-नई फसल की खेती करने मे लगे हैं। हरी सब्जियों की खेती के लिए विख्यात पटमदा प्रखंड के किसान अब मिर्च की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। पटमदा प्रखंड के राखडीह निवासी किसान संतोष महतो, सुधीर महतो,प्रह्लाद महतो ने 15 एकड़ यानि 45 बीघा जमीन पर जमीन पर मिर्चा की खेती कर मालामाल हो रहे हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि गर्मी के दिनों में लगाए गए मिर्च की खेती से अभी उत्पादन कर रहे हैं। आज सप्ताह में प्रत्येक किसान दो क्विंटल मिर्च तोड़ कर बाजार में 90 से 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक्री कर रहे हैं। इस तरह एक किसान प्रत्येक सप्ताह 15-20 हजार रुपये बाजार में मिर्च बिक्री कर कमा रहे हैं।
मिसाल बन गए प्रह्र्रलाद महतो
पटमदा प्रखंड के राखडीह निवासी किसान प्रहलाद महतो अन्य किसानों के लिए मिसाल बन गए हैं। दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए प्रहलाद महतो ने बताया कि गांव में हरी मिर्च की खेती लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। उनके साथ ही गावं के संतोष महतो, सुधीर महतो और उसके परिवार द्वारा मिर्च की खेती के लिए अपनाई तकनीक और मेहनत ने पूरे परिवार को लाल व मालामाल कर दिया है। प्रत्येक किसान सप्ताह में दो क्विंटल मिर्च बेचकर 20 हजार रुपये कमा रहे हैं।
परंपरागत खेती में नहीं होता लाभ
संतोष महतो कहते हैं कि परंपरागत धान की खेती में लाभ नहीं होता था। इसके कारण इस क्षेत्र के किसान लौकी, टमाटर, बैगन जैसे सब्जियों की फसल पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। यही कारण है कि सब्जी की खेती करते मेरे मन में आया कि सभी लोग सब्जी तो उगा रहे हैं, लेकिन मिर्च की खेती कोई नहीं कर रहा है। इसके बाद उन्होंने अपने मन मिर्च की खेती का प्लान बनाया और तीन किसान 15 एकड़ जमीन पर गर्मी के दिन में ही मिर्च के पौधे लगा दिए। बरसात समाप्त होने से पूर्व ही खेत में मिर्च की खेती होने लगी। आज उनके मिर्च जमशेदपुर की मंडी में खपत हो जाती है।
किसान कर सकते हैं जबरदस्त कमाई
किसान संतोष महतो ने कहा मिर्च की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम मई को माना जाता है। तापमान अधिक होने से इसके बीज और पाैधा जल्द तैयार हो जाता है, जिसे खेतों में रोपाई करने के महज 25 दिन बाद ही पौधा खड़ा हो जाता है। फिर 45 दिनों के बाद पौधे से मिर्च निकलना शुरू हो जाता है। पौधा में बराबर मात्रा में पानी और खाद मिलता रहे तो 12 महीने तक फसल को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। मिर्च नकदी फसल है जिसे बेचकर किसान तुरंत पूरी कीमत प्राप्त कर सकता है।