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अमेरिका: कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक, 1000 में से 99 फीसदी सैंपल में वायरस ने बदला रूप

विश्वभर में कहर मचा रहे कोरोना वायरस को लेकर नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ह्यूस्टन के वैज्ञानिकों ने बुधवार को कोरोना वायरस के 5 हजार जेनेटिक सीक्वेंस पर किए गए अध्ययन को सार्वजनिक किया। इस अध्ययन से पता चला है कि ये वायरस म्यूटेशन से लगातार रूप बदल रहा है जो इसे और खतरनाक बना रहा है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना वायरस म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) ऐसे संक्रमित मरीजों में मिला जिनमें उच्च वायरल लोड था। इस अध्ययन को बुधवार को प्रीप्रिंट सर्वर मेडरिक्सिव  पर पोस्ट किया गया। यह अमेरिका में वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस का अब तक का सबसे बड़ा सैंपल एकत्रीकरण माना जा रहा है। इससे पहले ग्रेट ब्रिटेन में इससे बड़ा जेनेटिक सीक्वेंस प्रकाशित किया गया था।

1000 मामलों में से 99 फीसदी में वायरस म्यूटेशन ह्यूस्टन अध्ययन की तरह इसमें भी ये निष्कर्ष निकला था कि म्यूटेशन जो वायरस की सतह पर “स्पाइक प्रोटीन” की संरचना को बदलता है, इस वायरस को और अधिक फैलाता है। ह्यूस्टन और आसपास कोरोना वायरस की दूसरी लहर में देखा गया कि करीब 1000 मामलों में से 99 फीसदी में वायरस D614G म्यूटेशन पाया गया। इसने वायरस को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है।

नई रिपोर्ट में हालांकि ये नहीं बताया गया कि म्यूटेशन से ये वायरस और अधिक जानलेवा साबित हुआ है या नहीं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिकतर वायरस उत्परिवर्तित होते रहते हैं। SARS-CoV-2 जैसे कोरोना वायरस अपेक्षाकृत स्थिर होते हैं, क्योंकि इनके पास प्रतिकृति बनाने के लिए एक बना बनाया तंत्र होता है।

अमेरिका में हजारों मामले सामने आ रहे
अब वायरस म्यूटेशन किसी पासे की तरह घूम रहा है और अमेरिका में रोजाना हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं। इस रिसर्च के लेखक व ह्यूस्टन मेथोडिस्ट हॉस्पिटल के जेम्स मुसर का कहना है कि वायरस के लगातार नया रूप लेने मुश्किलें बढ़ रही हैं।

उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट से कहा कि हमने इस वायरस को बहुत मौका दे दिया है। अभी भी बड़ी संख्या में लोग इसका शिकार बन सकते हैं। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज के वायरोलॉजिस्ट डेविड मोरेंस कहते हैं कि वायरस लोगों में फैलने के साथ ही और अधिक संक्रामक हो गया और अब इसे नियंत्रित करने के लिए हमें जबरदस्त प्रयास करने होंगे।

अब युवाओं को चपेट में लिया
रिसर्च से पता चलता है कि वायरस ह्यूस्टन और आसपास के इलाकों में दूसरी लहर के तौर पर फैल गया है। पहली दौर में इसने संपन्न और बुजुर्गों को निशाना बनाया था। लेकिन दूसरी लहर में इसने युवाओं और कम आय वर्ग के लोगों को अपनी चपेट में लिया है।

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