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प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन एवं दी मिलानी के महिला रक्तवीर योद्धा मौसमी भट्टाचार्य बनी डेंगू जैसे संकट के समय पहला महिला एसडीपी रक्तदाता।

जहां पूरा शहर डेंगू जैसा भीषण महामारी के संकट से जूझ रहा है एवं सभी अस्पताल डेंगू से ग्रस्त मरीजों से पटा पड़ा है, इस विपरीत परिस्थिति में प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन, बीएसएसआर यूनियन निरंतर एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में एक बड़ा अभियान चला रहा है. ताकि अस्पताल में इलाजरत डेंगू से ग्रस्त मरीजों को जरूरत के समय एसडीपी रक्त उपलब्ध हो सके. और इसी उद्देश्य को साथ लेकर आज प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के नियमित रक्तवीर योद्धा एवं दी मिलानी के संस्था निवेदिता के महिला सदस्या मौसुमी भट्टाचार्य ने अपना चौथा सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान करते हुए इस भीषण महामारी के संकट के समय पहला महिला एसडीपी रक्तदाता होने का खिताब भी अपने नाम किया. साथ ही साथ आदित्यपुर निवासी सरोज जी ने अपना दूसरा सिंगल डोनर प्लेटलेट्स रक्तदान कर इंसानियत का एक मिसाल पेश किया. दो दिन में प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के 12 एसडीपी रक्तवीर योद्धाओं के रक्तदान के जरिए पीएसएफ ने एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में अपना 645 वां एसडीपी रक्तदान के आंकड़े को भी पूर्ण कर लिया. रक्तदान करने के पश्चात सभी रक्तदाताओं को जमशेदपुर ब्लड सेंटर की ओर से प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन, बीएसएसआर यूनियन के और से प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम- संजय चौधरी, अनुभवी एवं वरीय चिकित्सक डॉक्टर लव बहादुर सिंह, अनुभवी तकनीशियन अनूप कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार महतो, प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार, उत्तम कुमार गोराई एवं मिहिर कुमार भट्टाचार्य. उपस्थित रहे।

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