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चिकनीकोना में दूषित पानी पी रहे ग्रामीण व बच्चे, सिर्फ एक दिन ही जल नल योजना अन्तर्गत स्कूली बच्चों को मिला है पानी

चिकनीकोना में दूषित पानी पी रहे ग्रामीण व बच्चे, सिर्फ एक दिन ही जल नल योजना अन्तर्गत स्कूली बच्चों को मिला है पानी।

मोहम्मद शहजाद आलम।

महुआडांड़ प्रखंड के ओरसापाठ पंचायत के चिकनीकोना गाँव में स्कूली छात्र इस भीषण गर्मी में गंदे नाले से बह रहे पानी पीकर प्यास बुझाते है। साथ ही मध्यान भोजन बनाने के लिए दूषित पानी का इस्तेमाल किया जाता है। विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को चिलचिलाती धूप में 2 से 3 किलोमीटर दूर अपने घर जाकर पानी लाकर पीना पड़ रहा है। जिससे पढ़ाई के दौरान घंटों तक उन बच्चों का समय बर्बाद हो जाता है। उक्त गाँव में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना वर्ष 2003 हुई थी। लेकिन तब से अभी तक 20 वर्ष बीत जाने के बाद भी विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। बच्चे अपने घरों से बोतल में पानी भरकर पढ़ाई करने आते हैं। विद्यालय के बगल में ही छोटा सा नाला है। जिसके पास चुआड़ी खोदकर बच्चे अपनी प्यास बुझाते है। विद्यालय में बच्चों की कम संख्या को देकर शिक्षकों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यहाँ बच्चे अक्सर बीमारी के कारण विद्यालय नहीं आ पाते हैं। शिक्षकों ने बताया कि गर्मी के दिनों में यह नाला सुख जाता है।

पानी की समस्या की खबर अन्य माध्यमों से प्राप्त होने के बाद 26 अप्रैल को जिला अधीक्षक कविता खलखो व बीडीओ अमरेग डांग चिकनीकोना विद्यालय जाकर समस्या से अवगत होकर जल्द से समस्या निजात दिलाने की बात कही थी। जिसके तहत पेयजल विभाग द्वारा 10 मई को जल नल योजना के अन्तर्गत विद्यालय तक पानी सप्लाई की थी। 10 मई को सिर्फ एक दिन विद्यालय में पानी की सप्लाई हुई। गर्मी छुट्टी से लेकर चार जुलाई तक बच्चों को पानी सप्लाई नहीं हो रही है। आज भी बच्चे चुआड़ी व अपने घर से बोतल में पानी लाकर पीने को मजबूर है। वही इस संबंध में विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि इस बात की जानकारी कई बार दी जा चुकी है अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।वही पेयजल विभाग व शिक्षा विभाग के लापरवाही के कारण आज भी बच्चे चुआड़ी से पानी पीने को मजबूर है। बच्चों ने बताया कि डेढ़ महीने पूर्व सिर्फ एक बार नल द्वारा पानी सप्लाई हुई थी। उसके बाद से आज तक पानी नसीब नहीं हुआ है।

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