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8 अक्टूबर को पोटका प्रखंड के पूर्व सभागार में आयोजित स्वास्थ कैंप मे बिना डॉक्टर एवं बिना मेडिसिन मायूस लौटे सैकड़ों मानसिक एवं मिर्गी के मरीज

बीते दिनों यानी 8 अक्तूबर को पोटका प्रखंड के पूर्व सभागार में जिला मानसिक स्वास्थ्य सेवा पूर्वी सिंहभूम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कैम्प से बिना डॉक्टर एवं बिना मेडिसिन मायूस लौटे सैंकड़ों मानसिक एवं मिर्गी के मरीज।  जिला मानसिक स्वास्थ्य सेवा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार का जुगलबंदी में ये महत्वपूर्ण जिनहित का कार्यक्रम सिर्फ पोटका में नहीं बल्कि पूरी पूर्वी सिंहभूम के प्रत्येक प्रखंड में माह की अलग अलग निर्धारित तिथियों में बड़ी ही स्वतःस्फूर्तता के साथ नियमित आयोजित कि जाती आरही है। उक्त स्वास्थ्य शिविर से अनेकों गरीब असहाय मानसिक एवं मिर्गी के मरिजें स्वस्थ भी हुये हैं – जिसके कारण उक्त शिविर के ऊपर पीड़ितों की भरोसा और भी बढ़ा है जिससे दिन वो दिन पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कैम्प में जँहा स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की एवं डी.एल.एस.ए.के पी.एल.वी.ओं के व्यवहार से मरीज अत्यंत संतुष्ट है। लेकिन दुर्भाग्य की बात तो यह है की इतनी बड़ी कार्यक्रम में ग्रहण लगने की डर संता रही है। सुचना है जिले में इन मरीजों की दवा ही उपलब्ध नहीं है।
आज अपने आवासीय कार्यालय में मीडिया के माध्यम से पोटका के पूर्व जिलापार्षद करुणा मय मंडल जिले के सिविल सर्जन, जिला उपायुक्त एवं माननीय स्वास्थ्य मंत्री को ये संज्ञान में देते हुये बताये की सूचना है इन मरीजों की संख्या जैसे पोटका में लगभग 150 से ऊपर है, पटमदा एवं बड़ाम मिलाकर भी 150 से ऊपर है, बहरागोड़ा में 200 से ऊपर है, घटशिला में भी 100 से ऊपर है, मोसाबनी डुमुरिया मिलाकर भी 100 से ऊपर है, जमशेदपुर में तो सब से ज्यादा है, चाकुलिया,धलभूमगड़,गुड़ाबांधा आदि सभी प्रखंडों का मिलाकर लगभग एक हजार से भी अधिक मानसिक एवं मिर्गी के मरीज हैं जो उक्त कार्यक्र्म पर आश्रित हैं – बेशक लाभान्वित भी हो रही है लेकिन ऐसे में अगर उन्हें सही डेट पर समुचित दवा ना मिले तो इनकी हालात कैसी होगी सहज ही समझा जा सकता है।
श्री मंडल ने सरकार एवं जिला प्रशासन से अनुरोध किये की प्राथमिकता के आधार पर इन आश्रित मरीजों की मेडिसिन परचेजिंग अविलम्ब हो एवं इनके पूर्व निर्धारित तिथि आधारित शिविरों में डॉक्टर एवं दवा उपलब्ध होना सुनिश्चित हों ताकि पीड़ितों को ससमय एवं नियमित समुचित उपचार मिल सके। जनहित में इसे संज्ञान में लेना सुनिश्चित हों।

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