Sat. Jul 27th, 2024

गुलाब’ ने साफ-सफाई पर प्रतिमाह ढाई करोड़ रुपये खर्च करने वाले निगम की खोली पोल

*’गुलाब’ ने साफ-सफाई पर प्रतिमाह ढाई करोड़ रुपये खर्च करने वाले निगम की खोली पोल*

*पथ प्रमंडल की कारगुजारियां भी आई सामने, पानी में फंसा रहा पूरा शहर*

*धनबाद:* हल्की फुल्की बरसात भले ही नगर निगम झेल जाए, लेकिन बारिश कुछ घंटे अगर रुक गई तो निगम की पोल खुलनी तय है। ऐसा ही पिछले 24 घंटे में देखने को मिला है।सिर्फ नगर निगम ही नहीं पथ प्रमंडल की कारगुजारी भी सामने आई है। दोनों ने मिलकर शहर को पानी पानी कर दिया। एक ने साफ सफाई के नाम पर तो दूसरे ने सड़क और नाली निर्माण के नाम पर पूरे शहर को जलमग्न कर दिया। नगर निगम साफ-सफाई व अन्य मद में प्रतिमाह ढाई करोड़ रुपये खर्च करता है। इसी तरह पथ प्रमंडल भी शहर में पिछले चार वर्षों में 300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर सड़कों का जाल बिछा चुका है, लेकिन सड़क के साथ नाली ऐसी बनाई है जिसमें पानी ड्रेन हो ही नहीं रहा है।
*बारिश के पानी में डूबी हंस विहार कालोनी*
नालियों को अतिक्रमण मुक्त कराने में निगम फेल
धनबाद शहर में जो नाली और नालियां बनी हैं वो अतिक्रमण की शिकार हैं। नगर निगम अतिक्रमण हटवा नहीं सका। इसकी वजह से नगर निगम क्षेत्र या यूं कहें सिर्फ शहरी इलाके में छोटे-बड़े 56 नाले जाम हैं। इसकी वजह से आज पूरा शहर जलमग्न हो गया। नगर निगम की तैयारी धरी की धरी रह गई। नगर निगम कहता है पथ प्रमंडल ने सड़कें सही नहीं बनाई है तो पथ प्रमंडल कहता है नगर निगम साफ-सफाई करने में कोताही बरत रहा है। दोनों विभाग एक दूसरे पर फेंका-फेंकी कर रहे हैं। इसमें खामियाजा सीधे आम जनता उठा रही है। पिछले 24 घंटे से तूफानी चक्रवात और बरसात के कारण शहर का कोई ऐसा इलाका नहीं बचा है जो जलभराव की समस्या से जूझ न रहा हो। निचले इलाकों की हालत तो और ज्यादा खराब है। निगम और पथ प्रमंडल की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि शहर के प्रमुख इलाके मसलन लुबी सर्कुलर रोड, ग्रेवाल कॉलोनी, धैया रानीबांध, सिटी सेंटर जज आवास के सामने, डीआरएम चौक, पूजा टॉकीज चौक, बरटांड़ सड़क रातभर पूरी तरह से डूबे रहे। धनबाद क्लब के सामने जलजमाव को सुबह नगर निगम ने भले ही मशीन लगाकर हटवा दिया, लेकिन बाकी इलाकों में स्थिति जस की तस बनी रही।
*धनबाद सिटी सेंटर-बरवाअड्डा रोड पर जलजमाव का रहा नजारा*
55 वार्ड में 400 से अधिक छोटी-बड़ी नालियां, शहर में 56
बुधवार के बाद गुरुवार को भी हुई बारिश ने धनबाद के अधिकांश इलाकों को जलमग्न कर दिया। साफ किया कि अगर करोड़ों रुपये खर्च होते तो गली-मोहल्ले से लेकर सड़कों पर गंगा-जमुना न बह रही होती। गाड़ियां डूब रही हैं तो कहीं घर से निकलकर बाहर गली में कदम नहीं रख पा रहे हैं। बडे़ नाले तो जाने दीजिए छोटी नालियां भी उफन रही हैं। होल्डिंग टैक्स, वाटर टैक्स, ट्रेड लाइसेंस, यूजर चार्ज टैक्स नगर निगम लेता है। होल्डिंग और वाटर टैक्स से ही निगम को 18 करोड़ रुपये सालाना इनकम है। शहर के जलमग्न होने के दो बड़े कारण हैं, एक खराब सड़कें और दूसरा छोटी-बड़ी नालियों का चोक होना। निगम के 55 वार्ड में 400 से अधिक छोटी-बड़ी नालियां हैं, जो पूरी तरह से जाम हैं। शहर में छोटे-बड़े 56 नाले हैं। अधिकतर नालों को अतिक्रमण कर लिया गया।
*धनबाद गया पुल में जलजमाव से बढ़ी परेशानी*
सड़क के बगल बनी नाली में नहीं जाता पानी
शहर के अंदर बड़ी सड़कों का जाल बिछा दिया है। सिटी सेंटर से लेकर मेमको मोड़ तक और गोल्ड बिल्डिंग से लेकर पुटकी तक। इसी तरह बैंक मोड़ से लेकर झरिया तक भले ही सड़क चौड़ी कर दी गई है, लेकिन इसके साथ नालियां सुव्यवस्थित बनाने का ध्यान न तो पथ प्रमंडल को रहा और न ही जिला प्रशासन ने कभी इसकी मॉनिटरिंग की। लगभग डेढ़ फीट चौड़ी इन नालियों में पानी जा ही नहीं रहा है। सड़क और नाली का ढलान सुव्यवस्थित नहीं है। इसकी वजह से जगह-जगह सड़क पर ही जलभराव हो जा रहा है। सड़क से नालियों की कनेक्टिविटी नहीं की गई। सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर सड़क के साथ नाली बना दी गई। सड़क के दोनों और बनी नालियां पूरी तरह से जाम हैं। नगर निगम इनकी सफाई नहीं कराता है बल्कि पहले से बनी नालियों की ही साफ सफाई हो रही है। जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिनुअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 2012 में नालों का पानी एक जगह एकत्रित करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनी थी। 150 करोड़ की यह योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई।
*ग्रेवाल कालोनी में घरों में घुसा पानी*
इन इलाकों में जलजमाव
सिटी सेंटर जज आवास के सामने।
इंडियन आयल कारपोरेशन कार्यालय के सामने।
बेकार बांध मछली बाजार।
पूजा टॉकीज चौक।
गया पुल पूरी तरह से लबालब।
मटकुरिया श्मशान घाट का नया पुल।
गोधर मोड़ सड़क और फुटपाथ पूरी तरह से पानी से बराबर।
गंसाडीह मोड़ से अलकुसा मोड़ तक पानी ही पानी।
ग्रेवाल कॉलोनी।
कुसुम विहार में नार्दर्न हाइट के निचले इलाके जलमग्न
बरटांड़ एशियन जालान अस्पताल के सामने।
रानीबांध धैया।
आरके नगर नावाडीह।
पुलिस लाइन सड़क, हीरापुर, बरमसिया, मटकुरिया में भी जलभराव।
इन इलाकों में दिखा जलजमाव
हंस विहार कॉलोनी – सूर्य विहार कॉलोनी – लाहबनी धैया – बरटांड़ पंडित क्लीनिक रोड – बिशुनपुर सर्वेश्वरी आश्रम का नाला – जय प्रकाश नगर – ग्रेवाल कॉलोनी बेकारबांध – पूजा टॉकीज चौक – गया पुल-श्रमिक चौक – पंजाबी मोहल्ला मटकुरिया – टेलीफोन एक्सचेंज रोड – काली मंदिर रोड हीरापुर – टेंपल रोड पुराना बाजार – बैंक मोड़ के निचले इलाके – डुमरियाटांड़-टिकिया पाड़ा – झरिया की धर्मशाला रोड, कोयरीबांध, शमशेर नगर
अंडर ग्राउंड टनल से निकलना था पानी
जेएनएनयूआरएम के तहत 2012 में ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जगह का चयन भी कर लिया गया था। मटकुरिया में प्लांट बनना था, हालांकि यह हो नहीं सका। शहर भर के छोटे-बड़े नालों का पानी अंडर ग्राउंड टनल के जरिए इस सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में लाने की योजना थी। यहां एकत्रित होने वाले पानी का ट्रीटमेंट कर दुबारा प्रयोग होता। प्लान पर काम नहीं हो सका, इसकी लगभग आधी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी थी। सबसे बड़ी समस्या नालों का अतिक्रमण है। जय प्रकाश नगर, मनईटांड़, हीरापुर, बरटांड़, धैया रोड, मटकुरिया, बैंक मोड़ और पुराना बाजार इसका उदाहरण हैं। जय प्रकाश नगर में तो पांच साल पहले नालों के अतिक्रमण को लेकर सर्वे भी हुआ था, हालांकि इसमें हुआ कुछ नहीं। संकरी नालियों की वजह से भी पानी बाहर नहीं निकल पाता है।
पानी निकासी के लिए बनी टीम, जगह जगह पानी निकालने का प्रयास
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि पिछले चक्रवात में टीम बनाई गई थी उसे फिर से एक्टिव किया गया है। किसी ने नाली का अतिक्रमण कर घर और बाउंड्री बना ली तो किसी ने दुकान खोल दी। डीआरएम कार्यालय के सामने ग्रीन व्यू पेट्रोल पंप के सामने बिजली विभाग ने नाली में ही तार बिछा दी है। चक्रवात यास में जिस तरह से क्विक रिस्पांस टीम गठित की थी, उसी तर्ज पर प्रत्येक अंचल में टीम काम करेगी। एक साथ, एक जगह 50 से 60 सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। बरसात में नालियां जाम होने की स्थिति में निगम की मशीन पानी निकालने का काम कर रही है। हर गली मोहल्ले की सफाई की जा रही है। प्रत्येक अंचल यानी धनबाद, सिंदरी, कतरास, झरिया और छाताटांड़ में 60 सफाई कर्मी और निगम कर्मी तैनात रहेंगे। सूचना मिलने पर तुरंत टीम मौके पर पहुंच जाएगी। जहां भी सड़क नाली जाम मिला, उसी समय सफाई होगी।

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