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फॉरेस्ट विभाग ने गुंजराय के जलमीनार में लिखा हुआ जिला प्रशासन फंड को मिटाकर रंग से पेंट कर दिया वन प्रक्षेत्र चंदवा सहायक वन संरक्षक को जलमीनार दिखाया।

फॉरेस्ट विभाग ने गुंजराय के जलमीनार में लिखा हुआ जिला प्रशासन फंड को मिटाकर रंग से पेंट कर दिया वन प्रक्षेत्र चंदवा

 

सहायक वन संरक्षक को जलमीनार दिखाया।

 

गुंजराय टोला में बने जलमीनार को अपना फंड से बना दिखाकर सरकारी राशि का बंदरबांट करने की आशंका, वन पदाधिकारीयों पर कार्रवाई करने की मांग

 

तीन वर्ष पूर्व इसी स्थान पर वन विभाग ने जलमीनार लगाया था जो गिरने पर खोलकर ले गया था।

 

शिकायत मिलने पर कॉग्रेस, माकपा, झाआंकामो नेताओं ने गांव का किया दौरा

 

चंदवा। फॉरेस्ट विभाग ने जलमीनार में लिखा हुआ जिला प्रशासन फंड को मिटाकर रंग से पेंट कर दिया वन प्रक्षेत्र चंदवा

शिकायत की जानकारी ग्रामीणों ने कॉग्रेस, माकपा और झारखंड आंदोलनकारी के नेताओं की दी, कॉग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा सचिव जितेंद्र सिंह, माकपा नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता अयुब ने गांव का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात कर जानकारी हासिल की, मामला प्रखंड के चेतर पंचायत के ग्राम रूद की टोला गुंजराय गांव का है, यहां जिला प्रशासन के फंड से बने जलमीनार मे लिखा हुआ जिला प्रशासन फंड को फॉरेस्ट विभाग ने रंग से मिटाकर उसके जगह वन प्रक्षेत्र चंदवा, वन प्रमंडल लातेहार लिख दिया है, गुंजराय टोला के ग्रामीण महेश सिंह, जयराम महतो, बिनोद सिंह ने कहा कि करीब तीन वर्ष पूर्व उपायुक्त राजीव कुमार कि कार्यकाल में हम ग्रामीण पेयजल के लिए जलमीनार कि मांग किए थे साथ ही डीप बोरिंग की भी मांग रखे थे इसके बाद उपायुक्त ने छेत्र भ्रमण के उपरांत गुंजराई टोला आए थे, पानी समस्या देखकर उन्होंने गुंजरांई टोला में जलमीनार का टंकी, सोलर, मोटर पाईप पिलर समेत पूरा सामान वाहन से भेज दिए थे, ग्रामीण महेश सिंह, जयराम महतो, बिनोद सिंह के देखरेख में जलमीनार लगाया गया, वन विभाग की कर्मियों के द्वारा जलमीनार में लिखे जिला प्रशासन फंड को जब मिटाया जा रहा था उस समय मिटाने का ग्रामीण विरोध भी किए इसके बाद भी वन कर्मी नहीं माने,

दिनांक 27 जुलाई 2021 बुधवार को जिले के सहायक वन संरक्षक को भी चंदवा वन विभाग के पदाधिकारियों कर्मियों ने इस जलमीनार को दिखाया, यह जलमीनार रैयती भूमि पर है।

इसी स्थान पर करीब 3 वर्ष पूर्व वन विभाग चंदवा ने सिंगल पाईप के सहारे एक जलमीनार लगाया था जो छह माह भी नहीं हुआ गिर गया था इसके बाद वन विभाग ने अपना जलमीनार ठीक कराने के बजाय उसे खोलकर ले गए,

नेताओं ने कहा कि वन विभाग से जुड़े पदाधिकारियों और वन कर्मियों ने सहायक वन संरक्षक लातेहार को भी इस जलमीनार को दिखाया और अपने विभाग के फंड से बना बताया, सहायक वन संरक्षक को भी गुमराह किया गया है, यह पूरा मामला संदिग्ध हो गया है,

जिला प्रशासन के फंड से बने जलमीनार को अपना जलमीनार दिखाकर लाखों रुपए की सरकारी राशि बंदरबांट करने की बू आ रही है, नेताओं और ग्रामीणों ने पूरे मामले पर उच्चस्तरीय जांचकर कार्रवाई करने की मांग उपायुक्त अबु इमरान व डीएफओ से की है, मौके पर ग्रामीण अजय भुइंया, संम्पतिया देवी, बीना देवी, रेखा देवी शामिल थीं।

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