डीएसपी ने किया नाबालिग को यूपी से बरामद,मोबाईल बना जी का जंजाल

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प.सिहंभूमः29 दिसंबर को चाईबासा पुलिस के लिए सरदर्द बने नाबालिग युवती के अपहरणकर्ता विशाल गौड़ और उसके सहयोगी फुफेरे भाई सुनील गौड़ यूपी से गिरफ्तार हुए हैं.इस घटना की कहानी मोबाईल क्रांति के इस दौर में अभिभावकों के लिए सावधान होना सिखाती है.जिस तरह आज के दौर में बच्चे ऑनलाइन गेम के चक्कर में पड़ रहे हैं उससे यह किसी बड़ी घटना का भी शिकार कैसे हो सकते हैं ये इस घटना से पता चलता है.आइए आपको बताते हैं इस पूरी घटना की सच्चाई और चाईबासा पुलिस की सफलता की कहानी.

घटना 16 दिसंबर की है जब पश्चिम सिंहभूम के झींकपानी निवासी ठेकेदार बीएन प्रसाद की नाबालिग बेटी घर से ₹100 लेकर सुबह 11.30 बजे अपनी स्कूटी से निकली.माता-पिता को नहीं पता था कि उसकी बच्ची जो ₹100 लेकर निकली है अब वह वापस आने वाली नहीं है क्योंकि उस युवती को दिल्ली के बुराड़ी थाना क्षेत्र के रहने वाले विशाल गौड़ ने अपने झांसे में ले रखा था.बच्ची सुबह 11:30 बजे निकली और जब दोपहर 1:00 बजे तक घर नहीं पहुंची तो उसकी खोजबीन में परिजन भी निकले.पता चला कि सिहंपोखरिया रोड में नीमडीह चौक के पास सड़क किनारे स्कूटी लावारिस हालत में खडी़ है और बच्ची लापता है.बच्ची की मां ने बताया कि वह सुबह 11:30 बजे घर से ₹100 लेकर कुछ सामान लेने का बहाना बनाकर निकली थी और जब दोपहर 1:00 बजे तक नहीं आई तो उसकी खोजबीन करने परिजन झींकपानी और आसपास के क्षेत्र में ढूँढ़ने निकले.इसकी लिखित सूचना स्थानीय थाना टोंटो को दी गई जिस पर थाना कांड संख्या-41/20 अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर टोंटो पुलिस डीएसपी प्रदीप उरांव के नेतृत्व में सक्रिय हुई.

चाईबासा एसपी अजय लिंडा ने मामले का उद्भेदन करने के लिए डीएसपी प्रदीप उरांव के नेतृत्व में एस.आई.टी का गठन किया जिसमें टोंटो थाना प्रभारी सागेन मुर्मू,एएसआई उमेश प्रसाद,एएसआई विजय कुमार द्विवेदी,एएसआई अमलेश कुमार,महिला हवलदार सुमित्रा नाग,आरक्षी यमुना प्रसाद और गणेश प्रसाद को शामिल किया गया.अपहृत युवती के परिजनों द्वारा डीएसपी को उपलब्ध कराए गए मोबाइल नंबर के आधार पर तकनीकी सेल को पूरी टीम के साथ अलर्ट किया गया और छानबीन शुरू हुई.

मोबाइल से प्राप्त लोकेशन के आधार पर डीएसपी प्रदीप उरांव ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से संपर्क करने के बाद 24 परगना के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी की किंतु युवती वहां भी बरामद नहीं हुई.जाँच के क्रम में पुलिस को 16 दिसंबर को पांड्रासाली टोलब्रिज से यूपी की गाड़ी स्वीफ्ट डिजायर संख्या-UP53CE 9810 का पता चला.गाड़ी संख्या से पता चला कि यह गाड़ी यूपी के गोरखपुर के मुकेश सिहं की है जिसने 10/-प्रति किमी की दर से दिल्ली के बुराडी़ निवासी विशाल गौड़ को भाडे़ पर दी है.

टीम को मिले सुराग और मोबाईल लोकेशन से पुलिस गोरखपुर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी करने लगी.इसी क्रम में टीम ने यूपी के सिद्धार्थनगर जिले के बौंसी थानांर्गत पिपरहिया गाँव से विशाल गौड़,उसके फुफेरा भाई और नाबालिग को बरामद कर लिया.

विशाल गौड़ ने पुलिस को बताया कि उसने मोबाइल गेमिंग एप के जरिए युवती से दोस्ती कर ली और फिर उसे झांसे में लेकर घर से भगाने के उद्देश्य से भाड़े की गाड़ी लेकर झींकपानी,चाईबासा के एसीसी कॉलोनी के पास पहुंचा.विशाल ने युवती को फोन कर नीमडीह चौक बुलाया जहाँ युवती सड़क किनारे स्कूटी खडी़ कर कार में बैठ गई और फिर विशाल उसे लेकर यूपी के गोरखपुर आ गया.गोरखपुर के आसनार गांव में विशाल अपनी बुआ के घर युवती को लेकर पहुंचा.गांव से पहले ही जब उसे बुआ के घर पूरा पता नहीं मिला तो उसने अपने फुफेरे भाई सुनील गौड़ को बुलाया.सुनील अपनी मोटरसाइकिल लेकर कार के आगे-आगे चलाते हुए उसे अपने घर आसनार गाँव ले आया.आसमार में विशाल और सुनील युवती के साथ 12 दिनों तक रहे किंतु 28 दिसंबर को जब पुलिस के पहुंचने का शक उन दोनों को हुआ तो वे वहां से युवती को लेकर बस स्टैंड पहुँचें.बस पकड़कर तीनों दिल्ली को रवाना होना चाहते थे लेकिन बस छूट जाने के बाद सुनील गौड़ अपनी बुआ सावित्री देवी के घर विशाल और युवती को लेकर पिपहरिया गांव चला गया.

मोबाईल लोकेशन के आधार पर 29 दिसंबर को बौंसी थाना क्षेत्र के पिपहरिया गाँव से सावित्री देवी के घर पर छापेमारी कर तीनों को पुलिस ने बरामद कर लिया.

आज जगन्नाथपुर में डीएसपी प्रदीप उरांव ने मामले का उद्भेदन करते हुए अपील की है कि बच्चे मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं क्योंकि यह मोबाइल क्रांति का दौर है लेकिन यह अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों की हर गतिविधियों पर गंभीरतापूर्वक नजर रखें.श्री उरांव ने कहा कि इस तरह के झांसेबाज अपराधकर्मी ऐसे ही बच्चों को शिकार बनाते हैं जिन्हें कोई जानकारी नहीं होती.उन्होंने कहा कि एक मोबाइल गेमिंग एप के कारण एक नाबालिग युवती घर से निकलकर धोखे में कहाँ से कहाँ पहुंच गई और पुलिस को कितनी परेशानी हुई.

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सोशल मीडिया पर सावधानी बरतने के लिए आम नागरिकों से अपील और मामले का खुलासा करते जगन्नाथपुर डीएसपी प्रदीप उराँव👆🏻