होलसेल में ड्रायफ्रूट्स के दाम 150 से 200 रुपये किलो तक घटे

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मंदसौर। कड़ाके की ठंड में ड्रायफ्रूट का बाजार गर्म है। वहीं इनके दामों में गिरावट हो चुकी है। कोरोना के चलते इम्युनिटी बढ़ाने के तौर पर आमजन ने ड्रायफ्रूट का सेवन भी बढ़ा दिया है। बाजार के जानकार अनिल जैन के मुताबिक होलसेल में दाम गिरने की प्रमुख वजह दिसम्बर से लेकर मार्च तक बड़ी संख्या में शादियां नहीं होना हैं। वहीं जो शादियां हुईं उसमें भी संख्या को सीमित किए जाने से सूखे मेवे का उपयोग महानगरों में तेजी से घटा है। जबकि दाम कम होने से मंदसौर जैसे शहरों में सूखे मेवे की बिक्री 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।

बादाम के भावों में 160 रुपये किलो की गिरावट- गतवर्ष बादाम के भाव 680 रुपये किलो के थे, जो इस साल घटकर 520 रुप.े किलो के ही रह गए हैं। व्यापारी कैलाश जैन के मुताबिक कोरोना के चलते जम्मू एवं दिल्ली में बढ़ी मात्रा में स्टॉक का माल बचा हुआ है।

इसके कारण भावों में इस साल ठंड की सीजन के बावजूद भी दाम 25 प्रतिशत तक कम हुए हैं। जबकि हल्की किस्म की बादाम जो गतवर्ष 600 रुपये किलो थी इस बार घटकर 460 रुपये किलो ही रह गई है।सूखे मेवों के बाजार में काजू के दामों में भी 150 रुपए किलो की गिरावट आ चुकी है। गतवर्ष 700 से 850 रुपये किलो बिकने वाले काजू के दाम घटकर क्वालिटी अनुसार 470 से 700 रुपये किलो ही रह गए है।

पिंड खजूर के दाम में 30 प्रतिशत तक वृद्धि- इधर, गरीबों का मेवा कही जाने वाला पिंड खजूर के दाम में इस साल 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। गतवर्ष पिंड खजूर 60 से 70 रुपये किलो बिका था जो इस साल बढ़कर 80 से 90 रुपये किलो हो गया है। एक तरफ जहां पिंड खजूर को छोड़ समस्त सूखे मेवे किराना दुकानों एवं ड्रायफ्रूट वालों के यहां मिलते हैं वहीं पिंड खजूर सब्जी व फल के ठेलों पर भी आसानी से मिल जाती है।

अब तो फुटपाथ पर भी बिक रहे हैं ड्रायफ्रूट

बीते दो-तीन वर्षों से ड्रायफ्रूट्स अब फुटपाथ पर भी बिकने लगे हैं। मंदसौर के महू-नीमच रोड पर महाराणा प्रताप बस स्टैंड से आगे श्रीकोल्ड चैराहा तक फेरीवाले ड्रायफ्रूट फुटपाथ पर रखकर बेच रहे हैं। एक विक्रेता से पूछे जाने पर बताया कि ये सीधे जम्मू एवं कटरा से माल लाकर बहुत कम मुनाफे में बेच देते हैं। दोपहर से लेकर शाम तक ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ देखी जा रही है।