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छठ महापर्व पर राज्य सरकार की गाइडलाइंस का भाजपा ने जताया विरोध

सार

● तुष्टिकरण की राजनीति के लिए लोकआस्था की उपेक्षा ना करे हेमंत सरकार : कुणाल षड़ंगी

● भाजपा ने किया झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन, विधायक ने “आपदा प्रबंधन विभाग” को राज्य का असल आपदा बताया है

● बिहार की तर्ज़ पर तालाबों में सार्वजनिक छठ पर्व की मिले अनुमति : भाजपा

बिस्तार

जमशेदपुर :छठ महापर्व पर झारखंड सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का विरोध तेज़ हो गई है। सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने सरकार के दिशानिर्देशों को लोकआस्था पर कुठाराघात बताया। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने छठ महापर्व के आशय की गाइडलाइंस को हेमंत सरकार का तुगलकी फ़रमान करार दिया। भाजपा ने कहा कि झारखंड सरकार एक धर्म विशेष की आस्था का जानबूझकर उपेक्षा कर रही है। हमेशा हिंदुओं के बड़े त्यौहारों पर अंतिम समय में गाइडलाइंस जारी होते हैं जिससे असमंजस बनी रहती है। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षड़ंगी ने नदी, तालाबों में सार्वजनिक छठ पूजा करने पर पाबंदी को अविवेकपूर्ण और लोकआस्था पर कुठाराघात बताया। कहा कि बिहार समेत अन्य प्रदेशों में तालाबों में छठ व्रत करने की छूट है। लेकिन झारखंड सरकार ने सख़्ती से पाबंदी लागू कर के लोकआस्था का अपमान और उपेक्षा की है। भाजपा ने मुख्यमंत्री से छठ महापर्व की गाइडलाइंस पर पुनर्विचार करने और जरूरी छूट देने का आग्रह किया है। भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की इतनी चिंता थी तो चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन क्यों किया ? आपदा प्रबंधन विभाग ने सख़्त कार्रवाई क्यों नहीं किया ? भाजपा प्रवक्ता ने झामुमो विधायक कुमार सुदिव्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “आपदा प्रबंधन विभाग” ही राज्य में असल आपदा है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस के इशारों पर हिंदू त्यौहारों और लोकआस्था पर गैरजरूरी पाबंदियां अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा ने सरकार से अविलंब पुनर्विचार कर जरूरी संशोधन करने की माँग उठाई है।

 

पप्पू तिवारी की रिपोर्ट

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