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विरोध:- एसयूसीआई कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने किसान विरोधी बिल की प्रतियां जलाई

घाटशिला:किसानों के प्रतिरोध आंदोलन के निर्माण के लिए अखिल भारतीय ग्रामीण की ओर से एक दिवसीय बंद का आह्वान पर विरोधी, किसान व खेत मजदूर विरोधी बिलों के खिलाफ एवं बंद के समर्थन में शुक्रवार को एस यू सी आई कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने  गोपालपुर फाटक के समीप किसान विरोधी बिल की प्रतियां को जलाया। इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए एस यू सी आई के कन्हाई बारिक ने कहा कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक- 2020″  और “कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020” और “कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020” के पारित होने की कड़ी निंदा करते हुए कहा देशी और विदेशी कॉरपोरेट लुटेरों के हाथों को मजबूत करने के इरादे से सभी दालों, अनाज, तिलहन, प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं के दायरे से बाहर करना भारतीय किसानों पर एक भीषण हमले के अलावा और कुछ नहीं है। इसके अलावा, इन बिलों के माध्यम से भाजपा सरकार पूरे बुनियादी ढाँचे के साथ-साथ भोजन उत्पादन व आपूर्ति तन्त्र को कारपोरेट कंपनियों को सौंप रही है जो न केवल किसानों के हितों को बल्कि सामान्य लोगों के हितों को भी खतरे में डालेंगी। उन्होंने कहा कि इन तीन कठोर कानूनों को बना कर भाजपा सरकार किसानों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संविदा खेती में फंसने के लिये मजबूर कर रही है।  जिससे अंततः किसान, विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसान पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाएंगे। पहले ही, चार लाख से अधिक किसान और खेतिहर मजदूर आत्महत्या कर चुके हैं। इसमें कोई शक नहीं कि यह नीति किसानों को आत्महत्या व बर्बादी की ओर धकेलेगी जबकि समृद्ध किसान और दुनिया भर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां मालोमाल हो जायेंगी। इस मौकेेेे पर आशा रानी पाल, पूर्णिमा

घाटशिला कमलेश सिंह

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