सरकार बना रही योजना, सिर्फ बॉर्डर पर ही किया जाए पैरामिलिट्री फोर्स का इस्तेमाल

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सरकार योजना बना रही है कि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) से जुड़ी पैरामिलिट्री फोर्स को आंतरिक सुरक्षा में कम से कम लगाया जाए. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. आने वाले वक्त में पैरामिलिट्री फोर्स का इस्तेमाल केवल देश के बॉर्डर पर ही किया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि हाल ही में इस पूरे प्लान पर अमल करते हुए बीएसएफ की 20 कंपनियां, एसएसबी की 30 कंपनियां और आईटीबीपी की करीब 35 कंपनियों को आंतरिक सुरक्षा से हटाकर इनको बॉर्डर पर लगाया गया है. इनकी तैनाती अब सीमा पर सुरक्षा के लिए ही किए जाने की योजना है.

सूत्रों के मुताबिक बॉर्डर गर्डिंग फोर्स का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा सरहदों पर हो, न कि आंतरिक सुरक्षा में.

आंतरिक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ का इस्तेमाल किया जाए. सीआरपीएफ, जिसमें जवानों की संख्या 3 लाख 25 हजार है, इन्हें आंतरिक सुरक्षा में इस्तेमाल किया जाए. सीआरपीएफ का इस्तेमाल चुनावों की ड्यूटी में किया जाए. चुनावों की ड्यूटी में बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी का इस्तेमाल न हो.

सूत्रों के मुताबिक हर साल चुनावों और आंतरिक सुरक्षा में बॉर्डर गर्डिंग फोर्स को तैनात किया जाता है. हालांकि आने वाले समय में भारत- पाकिस्तान सरहद, भारत- चीन सरहद, भारत- बांग्लादेश सरहद, भारत- नेपाल बॉर्डर और भारत-भूटान बॉर्डर पर देश की रक्षा करने वाली पैरामिलिट्री फोर्स बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी, जिनको आंतरिक सुरक्षा और चुनाव में लगाया जाता है, उनको धीरे-धीरे सिर्फ बॉर्डर गर्डिंग तक ही सीमित रखा जाएगा.

:सूत्रों के अनुसार