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रैयतवारी की वंशज परिवारों ने एसडीओ को सौंपा आवेदन ,जल मीनार के अतिरिक्त पानी से आदिवासियों का खेती युक्त छाती हो रहा रैयती जमीन

घाटशिला:-कमलेश सिंह

घाटशिला:-घाटशिला प्रखंड के गोपालपुर पंचायत के दाहीगोडा के रैयतदारो के वंशज के परिवारों ने बुधवार को घाटशिला प्रखंड महाल अध्यक्ष सह देश विचारक सचिव बहादुर सोरेन की अध्यक्षता में एसडीओ को आवेदन सौंपा है। एसडीओ को सौंपा गया आवेदन में लिखा गया है किदही घोड़ा में बनाई गई जल मीनार के अतिरिक्त पानी से आदिवासियों की खेती जोग रैयती जमीन पिछले 10 वर्षों से 36 गुना प्रारंभ हुआ और विगत 5 वर्षों से पूर्ण रुप से दलदल होकर बर्बाद हो चुका है। जिससे रैयत दारू के परिवारों में जीवन यापन चलाने के लिए गहरा संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उक्त रैयत दारो के रूप में खतियान में स्वर्गीय समाए संथाल, मानसिंह संथाल दिकू संथाल पिता स्वर्गीय दूला संथाल (हेंब्रम) तीन भाइयों के संयुक्त नाम से है। मौजा गोपालपुर दाहीगोडा थाना संख्या 113 खाता नंबर 218 प्लॉट नंबर 639/1216, 688,745 एवं 741 कुल रकबा 4 एकड़ खेती योग्य जमीन बर्बाद हो चुका है। इस पर दही गुड़ा में ग्राम सभा का आयोजन हुआ और विचार विमर्श करने पर पाया गया कि आदिवासियों के साथ इस तरह व्यवहार करना गंभीर मामला है और 1 एकड़ जमीन की सलाना अनुमानित क्षति 25 हजार और 1 एकड़ जमीन का सालाना अनुमानित क्षति

1लाख इस हिसाब से 5 वर्षों का अनुमानित क्षतिपर्ति 5 लाख रुपया निकला गया है। यह क्षतिपूर्ति रैयत दारो के वंशजों के परिजनों को दिया जाए ताकि जीवन यापन चला सकें। ग्राम सभा में अभी निर्णय लिया गया कि उक्त जल मीनार का अतिरिक्त पानी निकाल ले जाने के लिए पक्का नाली का निर्माण किया जाए ताकि आदिवासियों के खेती योग्य जमीन को सुरक्षित किया जा सके। एसडीओ को सौंपी गई आवेदन की प्रति अंचल अधिकारी घाटशिला मुखिया गोपालपुर पंचायत जिला परिषद घाटशिला विधायक घाटशिला प्रखंड प्रमुख माझी परगना महाल को भी सौंपा गया है। आवेदन सौंपने वालों में मुख्य रूप से बहादुर सोरेन, सीता हेंब्रम, यासमीन है मैडम सुनीता हेंब्रम आदि शामिल थे।

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