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सिंहभूम चैम्बर में सेक्शन-150 ऑफ जीएसटी एक्ट पर टैक्स क्लिनिक में हुई विशेष चर्चा

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में शनिवार को सदस्यों, व्यवसायी एवं उद्यमियों की टैक्स से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु आयोजित होने वाले टैक्स क्लिनिक का आयोजन चैम्बर भवन में किया गया। यह जानकारी उपाध्यक्ष वित्त एवं कराधान अधिवक्ता राजीव अग्रवाल एवं सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने संयुक्त रूप से दी।

 

इस अवसर पर उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने सेक्शन-150 ऑफ जीएसटी एक्ट पर चर्चा करते हुये कहा कि यह जीएसटी से संबंधित एक महत्वपूर्ण सेक्शन है जिसपर व्यापारियों को विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इस सेक्शन के अंतर्गत आनेवाली समस्याओं के बारे में सदस्यों को विस्तृत रूप में जानकारी राजीव अग्रवाल के द्वारा उपलब्ध कराई गई तथा कैसे इसका निराकरण किया जा सकता है इसकी जानकारी दी गई।

 

टैक्स क्लिनिक में एक सदस्य के द्वारा वाहनों के रिसेल वैल्यू पर जीएसटी कैसे लागू होता है इस संबंध में अपने सवाल किया जिसपर सचिव अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया ने कहा कि अगर व्यवसायी जीएसटी में निबंधित है और वह अपने वाहन को बिक्री करता है तो उसे केवल वाहन की बिक्री से होने वाले मुनाफे पर ही जीएसटी का भुगतान करना होगा वाहन की बिक्री से प्राप्त पूरी राशि पर नहीं। जैसे अगर एक व्यापारी का वाहन अगर 15 लाख रूपये का है और वह अपने वाहन को 16 लाख में बिक्री करता है तो उसे केवल मुनाफे की राशि एक लाख पर जीएसटी भुगतान करना होगा।

 

इस अवसर पर कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, सीए पीयूष गोयल ने भी टैक्स क्लिनिक में उपस्थित सदस्यों की समस्याओं का समाधान किया।

 

मानद महासचिव ने उक्त अवसर पर व्यवसायी एवं उद्यमियों से आग्रह किया कि वे टैक्स क्लिनिक में अवश्य आयें और अपने जीएसटी एवं अन्य टैक्स संबंधित समस्याओं का निराकरण करे। टैक्स क्लिनिक के आयोजन का उद्देश्य ही यही है कि इससे सदस्यों की समस्याओं का समाधान हो सके।

 

इस अवसर पर पारस अग्रवाल, सीए प्रतीक अग्रवाल, पवन नरेडी, राजेश रिंगसिया, अधिवक्ता आर.एस. मित्रा के अलावा काफी संख्या में व्यवसायी एवं उद्यमीगण उपस्थित थे।

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