-पोटका प्रखंड अंतर्गत टांगराईन गांव में पारंपरिक रीति रिवाज से टांगराईन मुंडा स्वशासन व्यवस्था द्वारा मरांगोम्के जयपाल सिंह मुंडा की जयंती मनाई गई। सभी मुंडा समाज के महिला – पुरुषों ने सर्वप्रथम अपने सारना आंखड़ा पर मुख्य अतिथि बाऊरी पदो मुंडा, विशिष्ट अतिथि जय हरि सिंह मुंडा, जयपाल सिंह मुंडा, शिवजन सरदार, रंजीत सरदार , नकुल चंद्र मुंडा, जितेन मुंडा आदि को पारंपरिक नित्य करते हुए लाये। वहीं पर अतिथियों का स्वागत करते हुए विधि विधान पूर्वक पारंपरिक नया के द्वारा आंकड़ा में जयपाल सिंह मुंडा का पूजन किया गया । मौके पर उपस्थित सेवानिवृत शिक्षक शिवजन सरदार ने कहा मुंडा सुशासन व स्वशासन व्यवस्था बहुत ही पारंपरिक एवं पुरानी व्यवस्था है। वाऊरी पदो मुंडा ने कहा जयपाल सिंह मुंडा भारतीय आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता थे। संविधान सभा के लिए भी वे स्वतंत्र उम्मीदवार चुने गए थे। 1937 में आदिवासी महासभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होकर वे आदिवासियों को जगाने का काम किए थे। इस तरह सभी अतिथियों के द्वारा उनके जीवनी एवं कार्य कलाप पर प्रकाश डाला गया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन सेवानिवृत्ति बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स माधव सिंह मुंडा ने किया एवं अध्यक्षता जयहरी सिंह मुंडा द्वारा किया गया। अंत में सभी महिला पुरुषों द्वारा एक साथ वनभोज का आनंद लिये। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुगनी मुंडा, बिहारी सिंह मुंडा, बबलू सिंह मुंडा, राजाराम मुंडा ,प्रणब सिंह मुंडा, मोहन मुंडा, राजेंद्र मुंडा, बबलू सरदार, रमेश सिंह मुंडा ,जागो मुंडा, सरिता मुंडा ,रसो मुंडा ,सीमा मुंडा, बांसुरी मुंडा ,शीला मुंडा, शिवानी मुंडा ,सुमित्रा मुंडा, दीपाली मुंडा, दामिनी मुंडा, जमा मुंडा ,गीता मुंडा ,फुल मनी मुंडा, मुन्नी मुंडा, नीलमणि मुंडा, दुखनी मुंडा, भादू मुंडा आदि की मुख्य भूमिका रही ।