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निरंतर रक्तबीर योद्धाओं के एसडीपी रक्तदान के चलते डेंगू के ऊपर हो रहा प्रहार, डेंगू पड़ा कमजोर

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  1. जमशेदपुर ब्लड सेंटर के धीरज कुमार ने अपना 46 बां एसडीपी रक्तदान के साथ 82 बां स्वैच्छिक रक्तदान तो युवा रक्तवीर योद्धा प्रियांशु रंजन ने अपना दुसरा एसडीपी रक्तदान के साथ 7 बां स्वैच्छिक रक्तदान को पुरा किया. यह दोनों एसडीपी रक्तदान के साथ प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने अपना 723 बां एसडीपी रक्तदान को भी पूर्ण कर लिया. जहां आज शहर में डेंगू का प्रकोप निरंतर कम हो रहा है. कहीं ना कहीं इसके पीछे, लोगों में जागरूकता, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान एवं सबसे महत्वपूर्ण जो डेंगू से ग्रसित मरीज अस्पताल में इलाजरत है, उन सभी के लिए सामने जीवनदाता बनकर आया हम सबों का लौह नगरी यानी जिसे रक्तदाताओं का शहर भी कहा जाता है हमारा जमशेदपुर शहर के उन सभी एसडीपी रक्तवीर योद्धा के कारण, हम सभी मिलकर इस महामारी के जंग से जीत पाए. आज रक्तवीर योद्धाओं के रक्तदान के समय उनके हौसला अफजाई हेतु उपस्थित रहे जमशेदपुर ब्लड सेंटर के चेयरपर्सन रुचि नरेंद्रन, जीएम- संजय चौधरी, डॉक्टर लव बहादुर सिंह, तकनीशियन धीरज कुमार एवं प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार. चाहे वह सुरक्षित रक्तदान हो, या एसडीपी रक्तदान. जब भी समय मिले जमशेदपुर ब्लड सेंटर के चेयरपर्सन एवं सभी पदाधिकारी बीच-बीच में रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाने हेतु उपस्थित रहते हैं. आज रक्तदान करने के पश्चात दोनों रक्तवीर योद्धा धीरज कुमार एवं प्रियांशु रंजन को प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

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