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प्रतिक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार ने अपने संकल्प के तहत503 एसडीपी रक्तदान के जरिए किरणमई जयंती उत्सव के नाम किया समर्पित

*दिनांक 16 अगस्त 2023, को नियमित रूप से दिन के 12 बजे से शुरू हुआ रात्रि 12 बजे तक 9 रक्तवीर योद्धाओं ने अपना सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान करते हुए निभाया मानव धर्म. प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार ने वर्ष 2018 अगस्त में जमशेदपुर ब्लड सेंटर में शुरू हुआ सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान के तहत एक बड़ा अभियान चलाने का संकल्प को पूरा करते हुए, निरंतर रक्तवीर योद्धाओं के बीच जागरूकता का प्रचार प्रसार करते हुए, कभी ना हार मानने वाले अरिजीत ने, आज 503 एसडीपी रक्तदान करवाने का खिताब जहां पीएसएफ के नाम किया. साथ ही साथ इस पूरे अभियान को किरणमई जयंती उत्सव के नाम समर्पित किया. इसका पूरा श्रेय उन्होंने उन तमाम एसडीपी रक्तवीर योद्धाओं के नाम जहां समर्पित किया, वहीं गर्व करते हुए जमशेदपुर ब्लड सेंटर के सभी मैनेजमेंट के वरीय पदाधिकारियों के साथ साथ, जीएम- संजय चौधरी जी के अगुवाई में, डॉक्टर लव बहादुर सिंह, डॉक्टर रिता सिंह, डॉक्टर निर्जला झा, अनुभवी एवं वरीय तकनीशियन अनूप कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार महतो, सुभोजित मजूमदार, धीरज कुमार, धनंजय प्रसाद, सह तकनीशियन अभिषेक धर, स्वपन राणा, आदित्य कुमार, मोहन मंडल, एवं सुवीर जी का दिल से आभार प्रकट किया. इन सबों ने मिलकर कठिन परिश्रम करते हुए आज एसडीपी रक्तदान को भी जागरूकता के तहत इतना सरल सहज बना दिया. आप सभी को यह मालूम हो कि यह एसडीपी रक्तदान जिसे सिंगल डोनर प्लेटलेट कहा जाता है. रक्तदान करने के लिए रक्त दाताओं के शरीर में प्लेटलेट की मात्रा डेढ़ लाख से ऊपर होना अनिवार्य है. साथ ही साथ रक्तदाता का पूर्ण रूप से स्वस्थ्य एवं सुरक्षित होना भी जरूरी है. एवं रक्तदाता का एसडीपी रक्तदान के पूर्व एक बार स्वैच्छिक रक्तदान होना भी आवश्यक है. इसके उपरांत कई ऐसे विभागीय जांच है जिस में सफल होने पर ही कोई एसडीपी रक्तदान कर सकता है. और कोई रक्तदाता अगर जांच के इस प्रक्रिया में सफल होता है. तो उन सभी रक्त दाताओं का, प्लेटलेट की मात्रा, शरीर का वजन, एवं लंबाई निर्धारित करता है कि एसडीपी रक्तदान का समय. अनुमानित एक एसडीपी रक्तदान करने में 40 मिनट से लेकर सवा घंटे तक का वक्त लग सकता है. यानी सीधे तौर पर एक एसडीपी रक्तवीर योद्धा को लगभग 1 घंटे तक इस रक्तदान प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. यही है जमशेदपुर के रक्तबीर योद्धाओं का जोश, जज्बा, जुनून, इंसान का इंसान के प्रति कूट-कूट कर भरा मानव प्रेम. आज जिस तरह से पूरे शहर में भीषण महामारी का संकट यानी डेंगू ने अपना विकराल रूप दिखाया है एवं कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से इंसान जूझ रहा है. इस विपरीत परिस्थिति में इन एसडीपी रक्तवीर योद्धाओं को दिल से नमन करने का दिन है. पीएसएफ के निर्देशक अरिजीत सरकार ने आह्वान किया है जमशेदपुर ब्लड सेंटर के बुलावे पर सभी एसडीपी रक्तवीर योद्धा आगे भी निरंतर अपना एसडीपी रक्तदान को जारी रखेंगे. और उन्होंने अभी सिर्फ नए एसडीपी रक्तदाताओं को जागरूक करते हुए जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंचाने का बीड़ा उठाने का फिर से अपना एक नया संकल्प लिया. अरिजीत ने नियमित रूप से 503 एसडीपी रक्तदाताओं के रक्तदान के समय उनके साथ कंधे से कंधे मिलाते हुए खड़े रहे. ताकि उन सभी रक्तवीर योद्धाओं को एक बल मिल सके, उनका हौसला अफजाई हो सके. आज पुनः उन्होंने सभी एसडीपी रक्तवीर योद्धाओं को दिल से आभार प्रकट करते हुए इस पूरे अभियान को किरणमई जयंती उत्सव के नाम समर्पित किया.*

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