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कुजरूम गांव आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

कुजरूम गांव आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित

 

लातेहार/गारू

 

लातेहार जिला अंतर्गत गारू प्रखंड के बारेसांढ पंचायत के वन ग्राम कुजरूम जो की पंचायत मुख्यालय से 15 किमी की दुरी पर पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया के घने जंगलो के बीच में अवस्थित है.यह गांव आदिवासी बहुल गांव है. इस गांव में आदिवासी और आदिमजनजाति निवास करते हैं. 52 घरों का यह गांव आजादी के साढ़े सात दशक बीत जाने के बाद भी मुलभुल सुविधाओं से वंचित हैं.

 

सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ सोलर लाइट, एक जलमिनार और एक जर्जर स्कूल है आवागमन के लिए कच्चा वन पथ है. गांव से पंचायत मुख्यालय और साप्ताहिक बाजार वाहन को बुक कर या फिर बाइक से आते -जाते हैं. सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण विकास योजना से वंचित हैं. टाइगर रिजर्व में बसे होने के कारण पक्का भवन निर्माण कार्य पर रोक है. वन भूमि में बिना अनुमति के किसी भी तरह की निर्माण कार्य, खनन नहीं की जा सकती है. इसलिए वर्ष 2020 से मनरेगा से संचालित योजनाए भी बंद कर दी गई हैं प्रखंड प्रशासन के द्वारा.

 

विस्थापन की प्रक्रिया है जारी :-पलामू टाइगर रिजर्व प्रबंधन विगत कई वर्षो से विस्थापित करने की प्रक्रिया करवा रही है. ग्रामीणों ने ग्राम सभा के माध्यम से विस्थापान के लिए अपनी सहमति भी दी है. घने जंगलो से हटाकर सरयू प्रखंड के पईला पत्थर, लाई गांव में बसाने की क़वायद तेज की गई है. विभाग न तो विस्थापन कर सकी है जिसका दंश झेल रहे हैं कुजरूम वासी, न तो अबतक विस्थापित हो सके और न ही गांव में रोजगार का साधन है.

 

 

 

क्या कहते हैं ग्राम प्रधान:-ग्राम प्रधान लालू उराव ने जिला के उपायुक्त से माँग की है की ज़ब तक विस्थापित नहीं हो जाता है गांव तब तक गांव में ही रोजगार मुहैया कराई जाए. ताकि गांव के ग्रामीणों को पलायन नहीं करना पड़े.

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