सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया गया। टैक्स क्लिनिक में झारखण्ड सरकार द्वारा लाई गई कर-समाधान योजना के बारे में चर्चा की गई। सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष कुमार चौधरी, अधिवक्ता ने बताया कि कर समाधान योजना को लागू हुये दो महीने से ज्यादा का समय व्यतीत हो चुका है। अतः इसके अंतिम तिथि जल्द ही आने वाली है। चैम्बर ने इसपर संज्ञान लेते हुये इसकी अवधि यथाषीघ्र बढ़ाने का आग्रह राज्य सरकार के समक्ष करने का निर्णय लिया है। टैक्स क्लिनिक के संयोजक राजेष अग्रवाल, अधिवक्ता ने बताया कि एसेसमेंट होने के पश्चात् यदि किसी व्यवसायी ने स्टे लेने के लिये कोई राषि जमा की है तो कर समाधान योजना के तहत उसे एडमिटेड टैक्स नहीं समझा जाना चाहिए। इस पर भी राज्य सरकार को एक सुझाव चैम्बर द्वारा दिया जायेगा।
इसके अलावा विभिन्न व्यापारियों ने भी अलग-अलग सुझाव कर समाधान योजना को लेकर दिया है जैसे, कर समाधान योजना के लिये उपलब्ध ऑनलाइ्रन फॉर्म का सरलीकरण किया जाना चाहिए। आवेदक के नाम को बदलने का विकल्प भी दिया जाना चाहिए। कर समाधान योजना के तहत पूर्वालोकन हेतु विकल्प उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। बिहार फायनेंस एक्ट के मामलों को चुनने का भी विकल्प फॉर्म में अलग से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने बताया कि जल्द ही चैम्बर का एक प्रतिनिधिमंडल अतिरिक्त आयुक्त, राज्यकर से मिलकर उक्त सुझावों के आधार पर एक प्रतिवेदन सौंपेगा। उन्होंने व्यापारियों से आग्रह किया है कि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई इस सुविधा का भरपूर लाभ उठायें।
आज के टैक्स क्लिनिक में अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, सचिव वित्त एवं कराधान अधिवक्ता पीयूष चौधरी, टैक्स क्लिनिक के संयोजक अधिवक्ता राजेष अग्रवाल, सीए सुगम सरायवाला, सुधीर सिंह, पवन शर्मा आदि मौजूद थे।