Sat. Jul 27th, 2024

मांडर में हार्ड वर्क बनाम स्मार्ट वर्क कार्यशाला का आयोजन

मांडर के कंदरी स्थित भारथी कॉलेज ऑफ एजुकेशन बी.एड. विभाग के द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य विषय ’’हार्ड वर्क बनाम स्मार्ट वर्क’’ था। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सह-प्राध्यापक डॉ. विमल किशोर, राँची विश्वविद्यालय, राँची, हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. चन्द्रिका ठाकुर एंव साई नाथ विश्वविद्यालय, शिक्षा विभाग के संकाय प्रो.डॉ. तबस्सुम खान का स्वागत कॉलेज के छात्र/छात्राओं एवं समस्त भारथी ग्रुप के परिवार के द्वारा पारम्परिक तरीके से किया गया। संस्थान की शैक्षणिक सचिव श्रीमती दीपाली पराशर ने छात्र/छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि ’’हार्ड वर्क विचारों व कल्पनाओं को मूर्तरूप देता है और स्मार्ट वर्क बताता है कि समय का सदुपयोग कैसे करें। स्मार्ट वर्क का मतलब सही रणनीति बनाना और एक अनुशासित कार्यशैली का पालन करना है।’’ सफलता पाने के लिए हार्ड वर्क की जरूरत होती है लेकिन अब दुनिया बदल रही हैं और हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क ने ले ली है। आज सब कुछ बदल गया है और आगे भी बदलती रहेगी इसलिए अगर आपको हर काम में सफल होना है तो स्मार्ट वर्क को अपनाना होगा। सी.यू.जे. के डॉ. विमल किशोर अपने विचारों में कहा कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होने कहा कि कठिन परिश्रम, बुद्धि और अनुभव इन तीनों के योगदान से ही स्मार्ट वर्क बनता है। 21वीं शताब्दि में कक्षा का श्यामपट स्मार्ट हो या ना हो परन्तु कक्षा के शिक्षको को स्मार्ट तरीके के साथ बच्चों को पढ़ाने की कला आनी चाहिए। आर.यू. के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. चन्द्रिका ठाकुर ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि आज हार्ड वर्क करने की क्षमता भी बच्चों में कम हो रही है जो चिन्ता का विषय है, समय आ गया है कि जब पैरेंट्स और टीचर्स को स्मार्ट होकर सोचना पडे़गा कि कैसे वे अपने बच्चों के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता कर पाऐंगें। एस.एन.यू. प्रो.डॉ. तबस्सुम खान के द्वारा कहा गया कि स्मार्ट वर्क, हार्ड वर्क का ही परिणाम है। स्मार्ट वर्क की गुणवता में महारत हासिल करने के लिए हार्ड वर्क जरूरी है, इसलिए दोनों के समन्वय से लक्ष्य निर्देशित कार्यक्रम को प्राप्त किया जा सकता है। बी.एड. के प्राचार्य प्रो० उपेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों साथ-साथ चलते है। महान उपलब्धियों की नींव रखने के लिए लोगों को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। लेकिन एक तथ्य यह भी है कि अगर छात्र स्मार्ट तरीके से काम करते है, तो वे उतनी ही मात्रा में काम तेजी से और कुशलता से कर सकते है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष राकेश कुमार राय ने अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी कार्य को योजना के अनुसार कराना ही स्मार्ट वर्क है। शारीरिक और मानसिक क्षमता के समन्वय से कार्य करने को स्मार्ट वर्क कहा जा सकता है एवं श्री मनोज कुमार गुप्ता ने कुछ अलग अंदाज़ में छात्र/छात्राओं को समझाते हुए कहा कि स्मार्ट तरीके से काम करने के लिए हार्ड वर्क जरूरी है लेकिन यदि आप केवल हार्ड वर्क करते है और स्मार्ट तरीके से काम नहीं कर रहे है तो हो सकता है कि आप भविष्य में जीवन भर एक ही काम को करते रहे। इस कार्यक्रम में बी०एड०, डी०एल०एड०, डी०फार्मा, बीएस०सी० नर्सिग एवं जी०एन०एम० के प्राचार्य तथा सभी व्याख्याता एवं शिक्षाकेत्तर कर्मचारी तुलसी दास उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती सलमा खातून के द्वारा किया गया।

By Aman Ojha

चार साल से पत्रकारिता में सक्रिय, राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि जमशेदपुर।

Related Post