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सिंहभूम चैम्बर ने माननीय मुख्यमंत्री से किया आग्रह बहुसंख्यक कामगारों, व्यवसायियों, उद्यमियों के हित को देखते हुये जबतक विकल्प उपलब्ध न हो तबतक दूसरे राज्यों के तर्ज पर प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध में करे राहत प्रदान।

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने श्री हेमन्त सोरेन, माननीय मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकार से आग्रह किया है कि जबतक प्लास्टिक का कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं हो जाता है तबतक इसके उपयोग पर प्रतिबंध में राहत प्रदान की जाय। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री का ध्यानाकृष्ट कराते हुये कहा है कि केन्द्र सरकार के द्वारा किसी भी तरह की प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के पश्चात् देष के सभी राज्यों में प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पर्यावरण के लिहाज से काफी अच्छा है। लेकिन इससे उद्योगों, व्यवसायियों के साथ-साथ आम जनता को भी परेषानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि इसका विकल्प अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है और विकल्प तलाषने में कुछ समय लगेगा।

उन्होंने कहा कि इस व्यापार, उद्योग में बहुसंख्या में कामगार जुड़े हुये हैं जिनके परिवार का परिवार का भरण-पोषण इस उद्योग के अस्तित्व में रहने से होता था, ये अभी बेरोजगारी के कगार पर आ गये हैं और इससे जुड़े व्यवसायी, उद्यमियों को भी बदलने में वक्त लगेगा। अतः वर्तमान नियमावली में षिथिलता प्रदान की जाय जो कि सभी के लिये उपयोगी साबित होगा।

उन्होंने इसके लिये महाराष्ट्र सरकार के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अपने पूर्व की अधिसूचना, 2018 दिनांक 23.03.2018 में बदलाव करते हुये जारी की गई एक नई अधिसूचना संख्या Plastic-2022/C.R.104/TC-1, Dated: 30/11/2022 का हवाला देते हुये कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने अपने व्यवसायियों एवं आम जनता की परेषानियों को देखते हुये राज्य में एक सीमा तक के माईक्रॉन आधारित प्लास्टिक एवं थर्माेकॉल उत्पादों के पैकेजिंग प्लास्टिक को उपयोग में लाने की अनुमति प्रदान की है, जबतक कि इसका विकल्प बाजार में उपलब्ध न हो जाये। उन्होंने इसी के तर्ज पर झारखण्ड राज्य में जनहित, व्यवसायहित, राजस्वहित में विचार करते हुये एक अधिसूचना जारी कर प्लास्टिक के उपयोग में तबतक राहत प्रदान करने का आग्रह माननीय मुख्यमंत्री से किया है जबतक कि इसका कोई विकल्प बाजार में उपलब्ध न हो जाय तथा अनुरोध किया कि सरकार भी अपने स्तर से इसका विकल्प तलाशने हेतु आवश्यक कदम उठाये।

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