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प्रतिक संघर्ष फाउंडेशन का सातवा स्थापना दिवस आयोजित मानव सेवा के जरिए झारखंड के वीर शहीद बिरसा मुंडा को याद किया

 

*प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन (पीएसएफ) के तत्वाधान में मंगलवार बिष्टुपुर स्थित मिलानी प्रेक्षागृह में सातवां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में डॉ अभिषेक कुमार- आईएफएस, समाजसेवी श्रीमान शेखर डे, श्रीमती दुर्गेश नंदनी- सीडीपीओ सदर जमशेदपुर, श्रीमती नलिनी राममूर्ति- सचिव जमशेदपुर ब्लड सेंटर, श्रीमान दीपांकर दत्ता- मानद सचिव दी मिलानी, समाजसेवी डॉ विजय मोहन सिंह, श्रीमान राजेश कुमार त्रिपाठी एजीएम आइआर टाटा ब्लूस्कोप स्टील प्राइवेट लिमिटेड, श्रीमान अमिताभ चटर्जी प्रशासक एमटीएमएच उपस्थित थे। सातवां स्थापना दिवस का विधिवत शुभारंभ उपस्थित सभी अतिथियों के द्वारा द्वीप प्रज्वलित एवं केक कटिंग करते हुए किया गया. अतिथियों को प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन की ओर से पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. तत्पश्चात 7 जरूरतमंदों के बीच 15 दिनों का सूखा राशन, साथ ही साथ ठंड के मौसम को देखते हुए कंबल भी प्रदान किया गया. वहीं पीएसएफ के द्वारा 25 बार से अधिक सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान के लिए 10 रक्त दाताओं को ( जिसमें एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में सार्थक कुमार अग्रवाल- 51 वा, कमल कुमार घोष- 38 वा, धीरज कुमार- 35 वा, कुमारेस हाजरा- 34 वा, राकेश कुमार- 32 वा, सुरेश शर्मा- 28 वा, उत्तम कुमार गोराई- 27 वा, आनंद प्रसाद- 27 वा, डॉक्टर विनय कुमार सिंह- 26 वा एवं अजीत कुमार भगत- 26 वा रक्तदान शामिल ) एवं 130 बार स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले टी. दीपक जी को भी आज सम्मानित किया गया. मेडिकल सहायता के तहत मास्टर कौस्तव सरकार एवं सुधा गोराई जी को नए डिजिटल यूडीआईडी कार्ड, डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट एवं उनके मासिक पेंशन के दस्तावेज भी उनके हाथों सुपुर्द किया गया. मानगो निवासी एवं पेसे से दर्जी करीम बक्स जी के धर्मपत्नी के आंखों के ऑपरेशन हेतु 5000/- का सहयोग प्रदान किया. 8 योद्धाओं को मानव सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया. जिसमें मनोज कुमार महतो, अनूप कुमार श्रीवास्तव, सुभोजित मजूमदार, धनंजय प्रसाद, धीरज कुमार, डॉ राजीव लोचन महतो, दीप सेन, स्वपन कुमार महतो शामिल. सबसे महत्वपूर्ण इस वर्ष से प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने निरंतर समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करने हेतु पीएसएफ लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी 5 योद्धाओं सह समाजसेवी को सम्मानित किया गया. जिसमें मुख्य रूप से समाजसेवी शेखर डे, समाजसेवी मायाराम, समाजसेवी पुलक कुमार सेनगुप्ता, समाजसेवी निखिल मंडल एवं मजहरूल बारी ( सब इंस्पेक्टर सिक्योरिटी टाटा स्टील एवं अंतरराष्ट्रीय बचाव गोताखोर) को सम्मानित किया गया। प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार के कुशल नेतृत्व में, कई ऐसे उपलब्धियां संस्था ने अपने नाम किया. जिसमें मुख्य रूप से इस वर्ष जमशेदपुर ब्लड सेंटर को 2 अत्याधुनिक माइनस 80 डिग्री टेंप्रेरेचर मेंटेन करने वाला डीप फ्रीजर अनुमानित 13 लाख रुपए की लागत से टाटा ब्लूस्कोप स्टील के सहयोग से प्रदान किया गया. इस वर्ष प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन ने अपना अट्ठारह रक्तदान शिविर एवं सहयोगी संस्थाओं को साथ लेकर 60 से अधिक रक्तदान शिविर का आयोजन कर लगभग 10,000 यूनिट जमशेदपुर ब्लड सेंटर को उपलब्ध करवाया गया. सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में अपना 50 नियमित रक्त दाताओं के साथ एक बड़ा फौज तैयार करते हुए, किसी निजी संस्था के तौर पर सबसे अधिक एसडीपी रक्तदान करने का खिताब भी पीएसएफ ने अपने नाम रखा. जिसमें अभी तक 350 एसडीपी रक्तदान संपन्न हो चुका है. महत्वपूर्ण उपलब्धियों में पीएसएफ के पहल पर टाटा ब्लूस्कोप स्टील के सीएसआर गतिविधियों के तहत सुदूरवर्ती गांव पोटका के सानग्राम उच्च विद्यालय एवं उर्दू बालिका उच्च विद्यालय हल्दीपोखर में सैनिटरी वेंडिंग मशीन एवं उच्च गुणवत्ता वाला वाटर कूलर प्यूरीफायर के साथ, इंस्टॉल करवाया जा चुका है. टाटा ब्लूस्कोप स्टील के सहयोग से उर्दू बालिका उच्च विद्यालय हल्दीपोखर में अत्याधुनिक शौचालय का निर्माण ( जिसका लाभ 1500 से अधिक बच्चे बच्चियां ले सकेंगे ) एवं अंत्योदया भवन यानी नव जागृत मानव समाज कुष्ठ आश्रम परिसर में, अत्याधुनिक स्टील से निर्मित, तेज हवाओं को सहन करने वाला, मजबूती में चरम पर, जिसमे गार्ड रूम, डॉक्टर्स चेंबर, फिजियोथैरेपी सेंटर एवं पाथवे का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है. सुदूरवर्ती गांव पोटका के पोल्लीमंगल उच्च विद्यालय में जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया के स्वच्छ मिशन अभियान के ब्रांड एंबेसडर मोंद्रीता चटर्जी के सहयोग से एक अत्याधुनिक शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. प्रतिवर्ष लगभग 320 बेला 50 जरूरतमंदो के लिए पीएसएफ के द्वारा नव जागृत मानव समाज कुष्ठ आश्रम परिसर में, सुबह, दोपहर, शाम एवं रात्रि बेला उत्तम भोजन की व्यवस्था किया जाता है. जो किसी के जन्मदिन, पुण्यतिथि, वैवाहिक वर्षगांठ, किसी के सफलता को समर्पित होता है. निरंतर सुदूरवर्ती गांव में स्वास्थ्य सेवा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य शिविर एवं डॉक्टर के परामर्श पर दवाइयां भी उपलब्ध करवाया जाता है. कोरोना जैसे भीषण महामारी के संकट के बीच सबसे पहले जरूरतमंदों के सेवा के लिए सेवाएं प्रदान करने का एवं सबसे ज्यादा दिनों तक जारी रखने का खिताब भी पीएसएफ ने अपने नाम रखा, जिसमें लाखों की संख्या में हस्तनिर्मित मास्क,सैनिटाइजर, एवं हजारों परिवारों के लिए विभिन्न तरह के सूखा राशन, रास्तों में अपने कर्तव्य का निर्वाहन करने वाले पुलिस के जवानों को एवं जो राहगीर दर-दर भटकते हैं निरंतर यानी प्रतिदिन उन सबों के लिए विभिन्न प्रकार के खाद्य सामग्री प्रदान किया गया. कुछ अनोखा कीर्तिमान भी अपने सहयोगी संस्थाओ के साथ मिलकर जिसमें एक दिन में सर्वाधिक 1302 यूनिट रक्तदान का खिताब संस्था उदगम ने अपने नाम किया, तो वहीं नरेंद्र मोदी फैंस क्लब झारखंड में तृतीय स्थान पर एवं श्री श्री शनिदेव भक्त मंडली ट्रस्ट सालाना सर्वाधिक रक्तदान का खिताब भी अपने नाम किया. सबसे महत्वपूर्ण रनिंग ट्रेन को रोककर उस पर रक्तदान शिविर आयोजित करने का संकल्प पीएसएफ ने अपने सहयोगी संस्था ऑल इंडियन रेलवे एसी कोच एंप्लाइज एसोसिएशन टाटानगर के साथ मिलकर इसे ऐतिहासिक शिविर बनाने का सोचा. लेकिन हमारा परिकल्पना को या कहे तो एक नए सोच को हावड़ा डिवीजन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भारतवर्ष में पहला बार यह खिताब अपने नाम किया. इसके बाद कोरोना ने हम लोगों से 2 वर्ष छीन लिया. परंतु फिर भी हम लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और अंत में 2021 में ऑल इंडियन रेलवे एसी कोच एंप्लाइज एसोसिएशन टाटानगर के सहयोग से रनिंग ट्रेन को रोकते हुए एसी कोच बोगी में 352 यूनिट रक्तदान करते हुए फिर से एक कीर्तिमान झारखंड में पहली बार यह खिताब हासिल किया. समय-समय पर शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव तक सूखा राशन से लेकर, वस्त्र परिधान प्रदान करने का सिलसिला निरंतर जारी है. साथ ही साथ स्वास्थ्य संबंधी मेडिकल इमरजेंसी में पीएसएफ तत्पर होकर कईयों के अंधेरा रुपी जीवन में दिया जलाने का कार्य किया. जिससे उन लोगों के जीवन में फिर से खुशियां लौट कर आया. प्रतिक संघर्ष फाउंडेशन के निर्देशक अरिजीत सरकार ने बताया कि सबसे पहले प्रातः बेला नव जागृत मानव समाज कुष्ठ आश्रम परिसर में, वहां रह रहे 50 जरूरतमंद लोगों के बीच केक कटिंग करते हुए सुबह के उत्तम भोजन की व्यवस्था किया गया था. और वहां रह रहे सभी पीड़ित एवं असहाय लोगों के लिए वस्त्र परिधान की भी व्यवस्था किया गया.*

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