Sat. Jul 27th, 2024

विकास के नाम पर लॉलीपॉप दिखाती आ रही आदित्य बिरला कंपनी :रवि डे

लातेहार लोहरदगा और गुमला तीन जिला में 1963 से बॉक्साइट खनन का काम करती आ रही है हिंडालको

 

*विकास के नाम पर लॉलीपॉप दिखाती आ रही आदित्य बिरला कंपनी :रवि डे**

 

मुकेश कुमार सिंह

 

चंदवा। चंदवा लातेहार जिला के समाजसेवी रवि कुमार डे ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से हिंडालको कंपनी पर विकास के नाम पर धब्बा बतलाया है श्री डे ने विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि हिंडालको कंपनी लातेहार लोहरदगा और गुमला जिला में 1963 से बॉक्साइट खनन का काम करती आ रही है परंतु इतने समय बीत जाने के बाद भी किसी भी जिले में किसी तरह का हिंडालको कंपनी के द्वारा ना ही शिक्षा के क्षेत्र में नहीं ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में नाही अन्य क्षेत्रों में विकास किया है केवल विकाश के नाम पर लॉलीपॉप दिखाते आ रही है देखा जाता है कि हिंडालको कंपनी तीनों जिला को दीमक की तरह खाये जा रही है। आज हिंडालको कंपनी तीनों जिले में बड़े पैमाने पर अपना कारोबार कर रही है परंतु यहाँ पर पर्यावरण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है और कुछ दलालों को इसका व्यक्तिगत फायदा देने का काम करती है ऐसा हो गया है की अगर किसी नेता के पास भी आम जनता हिंडालको कंपनी के बारे में शिकायत लेकर जाती है तो नेताओं को भी समय-समय पर मुंह मांगी रकम दी जाती है जिससे नेताओं की बोलती बंद हो जाती है और हिंडालको कंपनी अपना मनमाना काम करती आ रही है 60सालों के दौरान कई बार तीनों जिले के सांसद विधायक और अन्य नेतागण हिंडालको कंपनी के गलत कार्यों को सड़क पर आंदोलन करने का काम किया परंतु व्यक्तिगत नेताओं का फायदा होने के बाद जनता का काम भूल जाते हैं कंपनी अपने मनमानी करती आ रही है मानव जीवन में में जो अति आवश्यक चीजे भी है। उसको कम्पनी नही करती है।

गुमला लोहरदगा से लातेहार के टोरी साइडिंग में और रिचुघुटा साइडिंग में ट्रक के माध्यम से बॉक्साइट कंपनी साइडिंग में भंडारण करती है उसके बाद मजदूर के द्वारा मालगाड़ी में रेणुकूट कच्चा माल भेजने का काम करती है इस दौरान जो भी मजदूर अपने कड़ी मेहनत से मालगाड़ी के डिब्बे में लोड करने का काम करते हैं उन सभी मजदूरों को भी कंपनी यूं कहें तो खून चूसने का काम करती है 60 साल काम करने के बाद भी कंपनी उन मजदूरों को बहुत कम रकम का भुगतान करती है उनके परिवारों को किसी तरह का कोई मदद भी नहीं करती है मजदूर हिंडालको कंपनी में कार्य तो जरूर करते हैं परंतु किसी तरह उनका पेट चल पाता है बतलाते हैं कि महीने में पांच से छह मालगाड़ी ही लोड करने को मिलता है उससे हमारा ठीक तरह से परिवार का भरण पोषण ही नहीं हो पाता है मालगाड़ी महीने में ज्यादा देने को कहने पर कंपनी के द्वारा व्यक्तिगत टारगेट किया जाता है खदान में कहीं पर तो वैसा कोई अस्पताल नहीं बनवाया है परंतु हिंडालको कंपनी अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए तीनों जिले में कहीं पर भी नहीं बनवाया है वही सीएसआर के तहत शिक्षा का भी कोई ध्यान नहीं रखा है लातेहार जिला चंदवा प्रखंड में मुख्य साइडिंग तोरी साइडिंग को ही माना जाता है परंतु यहां के लोडर और अनलोडर को भी किसी तरह का कोई स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान नहीं रखा गया यू कहे तो साइडिंग में डायरेक्ट रूप से 14 सौ से 15सौ तक मजदूर काम करते हैं परंतु उन लोगों को स्वच्छ पानी पीने की भी कंपनी के द्वारा व्यवस्था नहीं की गई है कंपनी के लोडर ऑन अनलोडर होटलों में और कई अन्य जगह पर पानी पीने का काम करते हैं टोरी साइडिंग में देखा गया है कि स्वास्थ्य के नाम पर भी धोखाधड़ी मजदूरों के साथ की जाती है एक छोटा सा डिस्पेंसरी एक नर्स के लिए सहारे खोल दिया गया है। अगर मजदूर के साथ बड़ी घटना होती है तो मजदूर को कंपनी किसी तरह का आर्थिक मदद भी नहीं करती है और वह मजदूर को देखने वाला कोई नहीं है बड़ी घटना होने के बाद कंपनी किसी तरह का मदद तो नहीं करती है परंतु उसके परिवार के भी देखभाल नहीं करती है जिससे जिसके साथ घटना होती है उसका तुम मृत्यु हो ही जाती है परंतु उसके परिवार के लोग भी बिखर जाते हैं।

*पर्यावरण के नाम पर दिखावा करती है हिंडालको*

देखा जाता है कि गुमला लोहरदगा और लातेहार के जिलों में बॉक्साइट का काम जहां भी होता है वहां केवल खानापूर्ति कर दी जाती है पर्यावरण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च की जाती है परंतु फलाफल शून्य हो जाता है जांच अधिकारी भी आते हैं तो मोटी रकम लेकर अपने गंतव्य की ओर चले जाते हैं तीनों जिले के सीएसआर का फंड दिल्ली के कोई बड़े सरकारी जगह पर की जाती है परंतु जहां से सारा काम होता है वहां पर रहने वाले लोग धूल खान खाकर कई बीमारियों से जूझते हैं और उन समूह को मृत्यु हो जाती है हिंडालको कंपनी पर्यावरण के नाम पर चंदवा के हुटाप में एक छोटी सी नर्सरी बना रखी है परंतु उसकी भी दयनीय स्थिति देखी जाती है।

श्री डे ने कहा कि आदित्य बिरला ग्रुप की हिंडालको कंपनी इन तीनों जिलों में सीएसआर के नाम पर लोगों को बरगला करती आ रही है झारखंड के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री से कहना है कि कॉरपोरेट घराने को यह यह सुनिश्चित करने को कहें की सीएसआर फंड में जो भी कार्य हिंडालको कंपनी को स्थानीय लोगों को उत्थान के लिए जो निश्चित कार्य हैं उसे करने के लिए बात करें नहीं तो यह कंपनी मजदूर को केवल जानवर की तरह बर्ताव करती है और आगे भी करती रहेगी जिससे मानवता शर्मसार होती दिखाई दे रही है और सरकार में जो बैठे लोग हैं वह मोनी बाबा की तरह देख रहे हैं।

हिंडालको कंपनी चंदवा के चकला पंचायत में कॉल ब्लॉक का काम लिया है वहां पर भी स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद लोगों ने ही बताया कि कंपनी केवल दलालों के माध्यम से कार्य कर रही है कंपनी तो जिन ग्रामीण से जमीन लेनी है उनसे सामूहिक बात नहीं करते कुछ लोगों से बात करती है जनता यह कहती है कि हिंडालको कंपनी दलालों के माध्यम से ग्रामीणों से बात कर रही है जो यह पूरी तरह गलत है वही जमीन का क्या मुआवजा सरकार से हिंडालको कंपनी देने के लिए एग्रीमेंट किया है उसको भी जनता के पास हिंडालको कंपनी ठीक तरह से नहीं रखती है जिससे ग्रामीण जनता में असंतोष व्याप्त है और ग्रामीण जनता यह भी कहती है कि कंपनी जब तक अपना स्पष्ट नीतियों के साथ सामूहिक बैठक नहीं करती है तो हम लोग हिंडालको कंपनी को जमीन नहीं देंगे दलाल कुछ जमीन दाताओं को अपने कब्जे में तो कर ली है परंतु कब्जे में होने वाले जमीन दाता भी असमंजस में पड़े हुए हैं के साथ ही हिंडालको कंपनी कोई निजी कंपनी को खनन करने का कार्य दे रही है यह सुनकर ग्रामीण जनता और भड़के हुए हैं ग्रामीण जन यह कहते हैं कि कंपनी का नीति और नियत दोनों गलत दिखाई दे रही है और हम ग्रामीण जनता में असंतोष व्याप्त है जब तक कंपनी सामूहिक बैठक कर मुआवजे तथा अन्य चीजों के बारे में स्पष्ट नहीं करती है तो हम लोग कंपनी को जमीन नहीं देंगे।

Related Post