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आदिवासी भूमिज समाज द्वारा साल डाली को संस्कृत का प्रतीक मानकर जमीन में गाड़ कर की गई पूजा अर्चना

 

भूमिज भाषा को झारखंड में 05 अक्टूबर 2018 को द्वितीय राजभाषा का दर्जा मिले 3 साल पूरा होने पर आज पोटका के बड़ा सीखदी पर्यावरण चेतना केंद्र में आदिवासी भूमिज समाज झारखंड के द्वारा साल डाली को संस्कृतिक प्रतीक मानकर जमीन में गाड़ कर पूजा अर्चना की गई, झारखंड में 250 क्षेत्रीय भाषा का स्कूल चलाने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई है इसमें आदिवासी भूमिज समाज के सिद्धेश्वर सरदार का कहना है कि झारखंड तथा बंगाल में आदिवासी भूमि की भाषा में 20 स्कूल चलाए जा रहे हैं | झारखंड सरकार से आग्रह है कि 250 क्षेत्रीय भाषा की जो विद्यालय खोले जाने हैं | उसमें भूमिज भाषा के भी विद्यालय को सम्मिलित किया जाए | इस कार्यक्रम में सिद्धेश्वर सरदार, बसंती सरदार, मालिक सरदार, विभीषण सरदार, संजय सरदार, अनीता सरदार, रामू सरदार, लंकेश्वर सरदार, सोनाराम भूमिज, रविंद्र भूमिज, अजय सरदार, रूमा नाग आदि उपस्थित रहे |

 

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