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शहीदे आजम” भगत सिंह की जयंती पर विशेष* जिस क्रांतिकारी ने बचपन में बम के पेड़ लगाने की कोशिश

*”शहीदे आजम” भगत सिंह की जयंती पर विशेष*

*जिस क्रांतिकारी ने बचपन में बम के पेड़ लगाने की कोशिश ब्रिटिश सरकार को भगाने के लिए की हो, जिसने देश के लिए अपने सिख धर्म की मूल बात कि केश पर कभी कैंची नहीं चलानी है को देशभक्ति के जुनून में त्याग दिया हो , जिसने भारतमाता के सम्मान के लिए 56 दिनों की भूख हड़ताल की हो ऐसे महान क्रांतिकारी “” शहीदे आज़म “” भगत सिंह का आज जन्मदिवस है।*

*इनका जन्म 28 सितम्बर 1907 को पंजाब के लायलपुर ( वर्त्तमान पाकिस्तान ) में हुआ था ।*

*इन्होंने प्रसिद्ध पुस्तक “” मै नास्तिक क्यों हूँ ? लिखा था।*
*इन्होंने निम्न प्रसिद्ध नारे दिए थे..*

*1= इंकलाब जिंदाबाद*
*2= साम्राज्यवाद मुर्दाबाद*
*3= सर्वहारा वर्ग जिंदाबाद*

*भगत सिंह के जीवन पर रुस के महान क्रांतिकारी लेनिन के समाजवादी एवम् क्रiन्तिकारी विचारों का काफी प्रभाव पड़ा था।इनके चाचा अजित सिंह के क्रांतिकारी विचारों का प्रभाव भगत सिंह के जीवन पर पड़ा था।*

*1925 में “लाहौर छात्र संघ” एवम्1926 में “भारत नौजवान सभा “नामक संगठनो की स्थापना की थी ।*

*1928 में दिल्ली के फिरोज शाह कोटला में “हिंदुस्तान समाजवादी प्रजातान्त्रिक संगठन” (HSRA= Hindustan socialist Republican Association ) की स्थापना की थी ।*

*17 दिसंबर 1928 को लाला लाजपत राय की हत्या का प्रतिशोध लेते हुए भगत सिंह , सुखदेव एवम् राजगुरु ने मिलकर लाहौर के ए एस पी “सांडर्स” की गोली मारकर हत्या लाहौर पुलिस मुख्यालय के बाहर कर अद्भुत साहस का परिचय दिया ।*

*8 अप्रैल 1929 को दिल्ली में स्थित विधानसभा ( संसद ) में दो भारत विरोधी कानून “पब्लिक सेफ्टी बिल” और “ट्रेड डिस्प्यूट बिल” के विरोध में भगत सिंह ने “बटुकेश्वर दत्त” के साथ “विधानसभा बम कांड “को अंजाम दिया और गिरफ़्तारी दी।*

*न्यायालय ने इन्हें “सांडर्स हत्याकांड” या “लाहौर षड्यंत्र कांड” के कारण 24 मार्च 1931 का दिन फाँसी के लिए निर्धारित की परंतु इनकी लोकप्रियता से घबड़ाकर 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी ।*

*प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को ” शहादत दिवस “” इनकी शहादत की याद में मनाते है।*

*महान देशभक्त क्रांतिकारी ने हँसते हँसते फाँसी के फंदे को चूम लिया।*

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