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बालूमाथ के शेरेगड़ा पंचायत के बुकरू,मननडीह गांव में कर्मा डाल विसर्जन करने गए 7 बच्चियों की मौत पर झारखंड मुक्ति मोर्चा गहरा दुख व्यक्त करते हुए घटना के लिए जिम्मेवार रेलवे एवं रेलवे का कार्य कर रही संवेदक एजेंसी पर कार्रवाई करने एवं पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा राशि एवं रोजगार मुहैया कराने की मांग करती है। दीपू लाला

बालूमाथ के शेरेगड़ा पंचायत के बुकरू,मननडीह गांव में कर्मा डाल विसर्जन करने गए 7 बच्चियों की मौत पर झारखंड मुक्ति मोर्चा गहरा दुख व्यक्त करते हुए घटना के लिए जिम्मेवार रेलवे एवं रेलवे का कार्य कर रही संवेदक एजेंसी पर कार्रवाई करने एवं पीड़ित परिवार को पर्याप्त मुआवजा राशि एवं रोजगार मुहैया कराने की मांग करती है।
उक्त आशय की प्रेस विज्ञप्ति झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सह जिला प्रवक्ता दीपू कुमार सिन्हा ने जारी की है।
बयान में आगे कहा गया है कि रेलवे झारखंड एवं लातेहार जिले से कोल संपदा का परिवहन एवं दोहन कर करोड़ों रुपए का मुनाफा अर्जित कर रही है परंतु क्षेत्र एवं क्षेत्र के निवासियों के हित के लिए कोई भी कार्य नहीं कर रही है जिसका खामियाजा यहां के लोगों को लगातार भुगतना पड़ रहा है। इसी कड़ी में विगत शनिवार बालूमाथ प्रखंड एवं लातेहार जिले के लिए ब्लैक सटरडे (काला शनिवार) साबित हुआ है। इस दिन जहां रेलवे की लापरवाही से बालूमाथ प्रखंड में 7 बच्चियों की जान चली गई वहीं चंदवा प्रखंड के वीरा टोली- भंडार गढा रेलखंड में रेलवे का हाई वोल्टेज रेलवे वायर गिरने एवं अंडरग्राउंड केबल ब्रस्ट करने से एक युवक की मौत हो गई। इन सभी मौतों के लिए रेलवे एवं इसकी कार्यकारी एजेंसी ही जिम्मेवार है। जिस तरह अंग्रेजों ने भारत को उपनिवेश बनाकर यहां की कीमती खनिज संपदा लूटकर इंग्लैंड ले जाने के लिए भारत में रेलवे लाइन बनाई थी उस से भी बदतर ढंग से रेलवे झारखंड एवं लातेहार जिले की संपदा लूटने के लिए अंधाधुंध एवं नियम विरुद्ध तरीके से रेलवे लाइन बिछाकर हमारी कीमती संपदाओं को लूटने में लगी हुई है जिसका लगातार खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं। रेलवे ने इस अंधाधुंध लूट को अंजाम देने हेतु नियम विरुद्ध गैर अधिगृहित रैयती, गैरमजरूआ एवं वन भूमि से मिट्टी का उठाव कर रेलवे लाइन का निर्माण किया है जिससे लातेहार जिले के सैकड़ों स्थानों में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं और उन में पानी भर जाने के कारण लगातार दुर्घटना हो रही है तथा होने की संभावना बनी हुई है। ये विशालकाय गड्ढे जहां लगातार मानव जीवन के लिए खतरा बने हुए हैं वही पालतू पशुओं एवं मवेशियों के लिए भी यह खतरा साबित हो सकते हैं।
रेलवे को अविलंब नैतिक रूप से इस घटना की जिम्मेवारी लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई एवं पीड़ितों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा एवं नौकरी देनी चाहिए तथा इन गड्ढों को भरकर भूल सुधार करना चाहिए। रेलवे द्वारा नियम विरुद्ध इस क्षेत्र से अंधाधुंध कोयला एवं अन्य खनिज संपदा का दोहन करने से जहां प्रत्यक्ष रूप से लोग डूब कर, जल कर तथा दुर्घटनाग्रस्त होकर मर रहे हैं, वहीं अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरणीय नियमों का पालन नहीं कर ढूलाई एवं परिवहन करने से बड़े पैमाने पर बीमार एवं रोग ग्रस्त होकर मरने के कगार पर पहुंच रहे हैं। रेलवे द्वारा जनहित क्षेत्र हित एवं नियम कानून को ताक पर रखकर सिर्फ अपना फायदा देखना उसकी असंवेदनशील एवं स्वार्थ पूर्ण नजरिए को दर्शाता है। रेलवे के इस रुख की जितनी भी निंदा की जाए कम है। रेलवे को अविलंब इन भूलों का सुधार करते हुए इन रूटों पर क्षेत्र के लोगों की सुविधा हेतु यात्री ट्रेनों एवं अन्य सुविधाओं को भी बहाल करना चाहिए।
बालूमाथ में हुई 7 बच्चियों की मौत पर भारत के प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति ने भी दुख एवं संवेदनाएं जाहिर की है झारखंड मुक्ति मोर्चा लातेहार जिला समिति उनसे भी रेलवे के इस रवैया पर रोक लगाने, घटना के दोषियों पर कार्रवाई करने एवं पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा एवं नौकरी देने की मांग करती है।

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