मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, किसी को जान बचाना हो तो कर्तव्य है खून देना
जी हां एक पत्रकार ने गम्भीर बीमारी से जूझ रहे पीड़ित को खून देकर धर्म के ठीकेदारों को नसीहत दी है
रामगढ़ : रांची के आरएमसीएच अस्पताल में भर्ती तुलसी महतो को गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के कारण खून की आवश्यकता को रामगढ़ पत्रकार एहशान मंजरचिश्ती ने एक यूनिट ए पॉजिटिव ब्लड देकर मिशाल कायम किया है । बीमारी से ग्रस्त तुलसी महतो को चार यूनिट खून की आवश्यकता थी। पीड़ित परिवार अपने पिता का जान बचाने के लिए जरूरत खून के लिए दर दर भटक रहा था। यह जानकारी जब पत्रकार मो. एहशान मंजर चिश्ती को हुई तो स्वेक्षा से रांची रिम्स पहुंच अपना एक यूनिट खून देकर उसका जीवन दान दिया। जी हां मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना ,हिन्दू हो या मुसलमान सबसे पहले हो तुम इन्शान ।इसी का चरितार्थ करते हुए पत्रकार होने के साथ साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता मो.एहशान मंजर चिश्ती ने कर दिखाया है।वहीं मंजर चिश्ती ने कहा कि हम सबों का कर्तव्य बनता है कि किसी को जान बचाने के लिए यदि अपना खून देना पड़े तो सबसे आगे लाइन में खड़े होकर खून देना चाहिए। चाहे किसी जाति व धर्म समुदाय के हों आगे कहा हर इंशान को अपना शरीर से खून किसी जरूरत मन्द लोगों को देना चाहिए ।खून देने से शरीर में नई ऊर्जा होती है साथ हीं खून बनाने वाली कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है।और कई प्रकार बिमारियों से इन्सान मुक्त हो जाता है