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झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कमल नयन चौबे लंबी सेवा के बाद आज मंगलवार को रिटायर हो गये. इस मौके पर चौबे ने कहा कि करीब साढ़े 3 दशक खाकी पहने हुए हो गए, आज उससे अलग होते हुए मन भारी हो रहा है

रिटायरमेंट पर भावुक हुए पूर्व  बोले, खाकी का मान बढ़ाने का ईमानदारी से किया प्रयास

 

 

 

 

झारखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक  डीजीपी कमल नयन चौबे लंबी सेवा के बाद आज मंगलवार को रिटायर हो गये. कमल नयन चौबे 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. जैप 1 डोरंडा में विशेष समारोह का आयोजन किया गया.

 

इस मौके पर चौबे ने कहा कि करीब साढ़े 3 दशक खाकी पहने हुए हो गए, आज उससे अलग होते हुए मन भारी हो रहा है. लेकिन खुशी है कि योग्यता के अनुसार खाकी वर्दी की प्रतिष्ठा और इज्जत में आंच न आने दी बल्कि इसका मान बढाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किया है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नक्सलियों के पांव अब उखड़ रहे हैं लेकिन सावधानी जरूरी

उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को चुनौती भरा माना है. झारखण्ड प्रदेश में करीब 70 हज़ार पुलिसकर्मी है. बड़े राज्यों में 1 से 2 चरण में चुनाव सम्पन्न हो जाते है लेकिन यहां कई चरणों मे होते हैं. वही वर्तमान में उन्होंने नक्सल और साइबर अपराध को चुनौती माना लेकिन साथ ही कहा कि नक्सलियों के पांव अब उखड़ रहे हैं इसके बावजूद पुलिस को सावधान रहने की जरूरत है. इन्होंने झारखंड पुलिस के उज्जवल भविष्य के लिए कामना की. उन्होंने कहा कि पुलिस को आम लोगों के प्रति और ज्यादा संवेदनशील होना होगा.

 

 

 

समारोह में झारखंड पुलिस के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे. डीजीपी नीरज सिन्हा ने कमल नयन चौबे के उज्जवल और स्वस्थ भविष्य की कामना की और उनके कार्यों को आदर्श बताया.

 

 

 

देवघर, बेगुसराय, अररिया, लखीसराय में एसपी रहे हैं

 

 

आपको बता दें कि डीजीपी कमल नयन चौबे की गिनती तेज-तर्रार अफसरों में की जाती है. वे झारखंड के डीजीपी बनने से पहले बीएसएफ में एडीजी ऑपरेशन थे. पूर्व में वे संयुक्त बिहार में देवघर, बेगुसराय, अररिया, लखीसराय जिले में वो एसपी भी रह चुके हैं.

 

 

 

 

कमल नयन चौबे लंबे समय तक केंद्र में मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल व बांका के पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह के ओएसडी भी रहे. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद वर्ष 2014 में जैप के एडीजी बनाए गए.

 

डीजीपी केएन चौबे की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई है. केएन चौबे को भारत-बांग्लादेश और भारत-पाक सीमा की निगरानी का अनुभव भी रहा है.

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