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11 माह के बाद सकुशल पहुंचा अपने घर महुआडांड़ के पहाड़कापू गांव का नुरल अंसारी

 

 

कुछ दिन पूर्व नूरुल आंसर की के गुमशुदगी को लेकर महुआडांड़ बस पड़ाव में दलालों और गढ़बुढ़नी पंचायत के मुखिया रेणु तिग्गा एवं अन्य लोगों के बीच बहस छिड़ गई थी जिसे लेकर प्रमुखता से इस खबर को चलाई गई थी। जिसके बाद आज बृहस्पतिवार को नूरल अंसारी को सकुशल महुआडांड़ वापस लाया जा चुका है इस संबंध में परहर टोली निवासी संगीता देवी ने बताया कि नूरल अंसारी जहां पर काम करता था वहां से वह भाग कर कहीं और काम करने चला गया था जैसे पता चला उसे महुआडांड़ वापस लाया गया और सकुशल महुआडांड़ बस पड़ाव में उसे उसके परिवार वालों को सौंप दिया गया है। वहीं इसे लेकर नूरल अंसारी ने बताया कि मैं जहां काम करता था वहां मुझे कम पैसा मिलता था साथ ही गाली गलौज भी दिया जाती थु जिसके कारण मैं वहां से काम छोड़ कर भाग गया था। और नेपाल चला गया और वही काम करने लगा। वहां से मुझे ठेकेदार वासुदेव प्रसाद के द्वारा महुआडांड़ लाया गया। इसमें बासुदेव या संगीता देवी की कोई गलती नहीं है।

 

क्या था मामला।

महुआडांड बस पड़ाव में बाहर से आए दलाल व महुआडांड़ के परहाटोली के दलालों के द्वारा निजी वाहन से परहाटोली गांव एवं आस पास के मजदूरों को लेकर लातेहार ले जाया जा रहा था।महुआडांड बस स्टैंड मे मजदूर दलाल और ग्रामीणों साथ गढ़बुढ़नी पंचायत के मुखिया रेणु तिग्गा के बीच एक मजदूर के गुमशुदगी को लेकर झड़प हो गई।इस संबंध में गढ़बुढ़नी पंचायत के ग्राम पहाड़कापू गांव के ग्रामीणों बताया कि पहाड़कापू निवासी नुरल अंसारी पिता रमजान अंसारी उम्र 30 को 2020 सितम्बर माह में ईंट भट्टे मे कार्य दिलाने के नाम पर पंचायत परहाटोली की निवासी संगीता देवी लातेहार ले गई। वही लातेहार से मजदूरो को बासुदेव प्रसाद नामक व्यक्ति (दलाल) द्वारा बाहर भेजा जाता है। लातेहार के एक दलाल के माध्यम से मजदूर नुरल अंसारी को उत्तर प्रदेश किसी ईट भट्टे मे काम करने भेजा गया था, जो लौटकर नही आया है। बस स्टैंड मे संगीता देवी से पूछताछ करने लगी। संगीता देवी नूरल अंसारी को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दे रही थी। वहीं नुरल अंसारी को छोड़ अन्य लगभग सभी मजदूर घर वापस आ गए हैं।इसे लेकर मुखिया रेणु तिग्गा ने बताया पता चला है कि परहाटोली की संगीता देवी मजदूरो की दलाली करती है। पिछले साल सितंबर माह 2020 मे संगीता के माध्यम से बाहर कमाने गए नुरल अंसारी अभी तक घर नहीं पहुंच पाया है। जबकि 11 माह गुजर चुका है। वहीं उसके घरवालों से भी नुरूल अंसारी से संपर्क नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार संगीता देवी लातेहार के किसी बासुदेव नामक व्यक्ति पास मजदूर को पहुंचाती है, फिर वह व्यक्ति अपनी व्यवस्था से उन मजदूरो को काम करने उत्तर प्रदेश, बिहार, व बनारस के ईट भट्टा मे भेजता है।वहीं संगीता देवी का कहना है हमलोग दलाली नही करते है। हम खुद पलायन करके कमाते खाते है, हमारे पास आजिविका का साधन नहीं है। जो काम करने के लिए बाहर जाना चाहता है, उसे अपने साथ लेकर जाते है और काम लगवा देते है, हमलोग कुछ मजदूर एवं साथ नुरल अंसारी यूपी के गोरखपुर के एक ईट भट्टा मे काम करने गये थे। नुरल अंसारी बिना सुचना दिये वहा से भाग गया है। मुझे 1 माह का समय दिया जाए मैं उसे ढूंढ कर वापस गांव ले आएंगी।

 

 

 

 

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