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बंध्याकरण आपरेशन में मृत्यु होने पर पीड़ित के परिवार को दो लाख मुआवजा भुगतान का नियमः सिविल सर्जन

शहर के नीजि नर्सिंग होम के चिकित्सकों के साथ सीएस ने किया परिवार कल्याण योजना की बैठक

गिरिडीहः

नर्सिंग होम में चल रहे परिवार कल्याण योजना के इलाज और आॅपरेशन की समीक्षा बैठक शुक्रवार को सदर अस्पताल में चिकित्सकों के साथ सिविल सर्जन ने किया। सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल के साथ शिवम नर्सिंग होम की चिकित्सक डा. इंदिरा सिंह, विश्वनाथ नर्सिंग होम के चिकित्सक डा. सज्जन कुमार डोकानिया, डा. रवि महर्षि और डा. गोंविद प्रसाद समेत कई चिकित्सक शामिल हुए। इस दौरान सिविल सर्जन डा. सन्याॅल ने बैठक में मौजूद चिकित्सकों से कहा कि जिन नर्सिंग होम में संचालकों के अलावे दुसरे चिकित्सक भी बंध्याकरण का आॅपरेशन और इलाज कर रहे है। तो वैसे नर्सिंग होम के संचालक दुसरे चिकित्सकों का नाम अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराएं। सिविल सर्जन के इस सुझाव के बाद डा. सज्जन डोकानिया ने बताया कि विश्वनाथ नर्सिंग होम में उनके बेटे डा. नीरज डोकानिया भी आॅपरेशन और इलाज करते है। जबकि शिवम नर्सिंग होम की चिकित्सक डा. इंदिरा सिंह ने अपनी बहु के द्वारा आॅपरेशन और इलाज किए जाने की जानकारी दी। मौके पर सिविल सर्जन ने चिकित्सकों को परिवार कल्याण योजना की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा बंध्याकरण के आॅपरेशन के दौरान मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को दो लाख मुआवजा देने का प्रावधान है। तो बंध्याकरण का आॅपरेशन असफल होने पर 30 हजार मुआवजा देने का नियम है। लेकिन मृत्यु होने के बाद प्रभावित परिवार को सात दिनों के भीतर क्लेम करना पड़ता है। यही नही आॅपरेशन के शारीरिक समस्या होने पर भी इलाज के लिए 25 हजार की राशि देने का नियम है। हालांकि बैठक में सिविल सर्जन ने स्पस्ट किया कि जिले में फिलहाल ऐसे कोई केस नहीं आएं है।

गिरिडीह से चन्दन के साथ डिम्पल की रिपोर्ट

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