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Health Insurance Policy: एक अक्टूबर से बदल जाएंगे स्वास्थ्य बीमा से जुड़े ये नियम, जानिए क्या होगा फायदा

नई दिल्ली/एजेंसी: IRDAI ने बीमाकर्ताओं को उन बीमारियों या चिकित्सा शर्तों को मानकीकृत करने के लिए कहा है जो किसी पॉलिसी के तहत कवर नहीं हैं। कोई भी बीमारी जिसका इलाज एक डॉक्टर द्वारा 48 महीने पहले किया जाता है, स्वास्थ्य कवर जारी करने से पहले की मौजूदा बीमारियों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इसके अलावा कोई भी स्थिति जिसके लक्षण पॉलिसी जारी करने के तीन महीने के भीतर हो गए हैं उसे भी पहले से मौजूद बीमारियों के तहत वर्गीकृत किया जाएगा। मानसिक बीमारी के लिए उपचार तनाव अब स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के तहत कवर किया जाएगा।

बीमा पॉलिसी के तहत कवर किए जाने वाले आधुनिक उपचार: पॉलिसीधारक आधुनिक उपचार विधियों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज की उपलब्धता से वंचित नहीं हैं, बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी अनुबंधों में निम्नलिखित उपचार प्रक्रियाओं को बाहर तो नहीं रखा गया है।

8 वर्षों के बाद दावे की कोई अस्वीकृति नहीं: पिछले साल जून में IRDAI ने कहा कि अगर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को आठ साल पूरे हो गए हैं, यानी, पॉलिसीधारक आठ साल से लगातार प्रीमियम का भुगतान कर रहा है, तो साबित धोखाधड़ी और स्थायी बहिष्करणों को छोड़कर कोई स्वास्थ्य बीमा दावा अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि ग्राहक के स्वास्थ्य बीमा के दावे को नौवीं पॉलिसी वर्ष से खारिज नहीं किया जाएगा।

PED की नई परिभाषा: स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के मानकीकरण के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, पहले से मौजूद बीमारियों (PED) की परिभाषा को ग्राहक की जरूरतों के अनुसार बदलना होगा। जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी बीमारी जिसे एक डॉक्टर ठीक करता है, जो कि स्वास्थ्य कवर जारी करने से 48 महीने पहले PED के तहत वर्गीकृत की जाएगी।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित पॉलिसीधारकों को पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्राप्त हो IRDAI ने अनिवार्य किया है कि बीमाकर्ताओं को ग्राहकों की सहमति के बाद ही स्थायी बहिष्करण शामिल किया जाए।

सूत्रों के अनुसार

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