मंगलवार 22 सितंबर का दिन राज्यसभा के इतिहास में सबसे लाभदायक दिन के रूप में दर्ज हो गया है। उच्च सदन में मंगलवार को साढ़े तीन घंटे में सात विधेयक पास हो गए। इनमें अनाज, दालें, तिलहन, खाद्य तेल, आलू और प्याज को आवश्यक वस्तु की सूची से हटाने वाला बिल भी शामिल है। हालांकि आठ सदस्यों के निलंबन के कारण ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और इसी बीच यह विधेयक पास हुए। लोकसभा से ये बिल पहले ही पास हो चुके हैं।
कांग्रेस, टीएमसी, सपा, एनसीपी और वाम दलों के सांसदों ने बहिष्कार के कारण चर्चा में हिस्सा नहीं लिया।
विधेयकों पर चर्चा में केवल सत्ताधारी भाजपा, जदयू के अलावा अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी के सदस्यों ने हिस्सा लिया और मोदी सरकार का समर्थन किया। ज्यादातर बिलों पर सदस्यों की भागीदारी काफी कम रही और मंत्री का जवाब भी बेहद संक्षिप्त रहा। विधेयकों को पास कराने के लिए राज्यसभा की कार्यवाही का समय एक घंटा बढ़ाया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद करीब एक घंटे तक रविवार को बेकाबू सांसदों के आचरण को लेकर चर्चा हुई।
ये विधेयक हुए पारित
- भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधि (संशोधन) बिल-2020। इसमें पांच नए बने आईआईआईटी को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया जाएगा।
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल-2020। इसके तहत भंडारण सीमा को खत्म किया गया है। कृषि संबंधी दो बिल रविवार को पास हुए थे।
- बैंक नियमन (संशोधन) बिल-2020। जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सहकारी बैंकों को आरबीआई की निगरानी में लाया जाएगा।
- कंपनी संशोधन विधेयक-2020 भी पास हुआ। इसमें कुछ निश्चित अपराधों में जुर्माना नहीं लगेगा।
- नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी बिल-2020
- राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी बिल-2020
- कराधान एवं अन्य कानून (निश्चित प्रावधानों में रियायत एवं संशोधन) बिल-2020